Vaishali : शादी के 9 महीने बाद ही सुमन की गुजर गई दुनियां

राजेन्द्र कुमार सिह हाजीपुर वैशाली।महुँआ अभी तो सुमन की। हाथ से मेहंदी की लाली भी नही उतरी थी,प्यार के कुछ पल ही कटे थे कि हादस ने उसका सब कुछ उजाड़ दिया जितिया के नहाए खाए कर पुत्र की रक्षा को लेकर ब्रत रखी थी माँ,यह हादसा सब कुछ खत्म कर दिया।पति की मौत से सुमन अब जीना नही चाहती है।वह तो खुद अपनी भाग पर कोस रही है।
शादी के 9 महीने भी पूरे हूऐ थे कि उसकी मांग उजर गई।अब उसे कौन देखेगा।सुमन की विलाप सुनकर सभी का कलेजा फटा जा रहा था।वह पति के शव पर सिर पटककर रोए जा रही थी।लोग उसे ढाढस तो दे रहे थे पर वह सब कुछ समझ रही थी कि अब तो उसकी दुनिया ही उजड़ गई।सुमन के हाथ मे लगी शादी की मेहंदी के रंग भी अभी फीके नही पड़े थे।पति की हादसे मे मौत ने उसकी दूनियां ही उजाड़ दी।सूमन भी जीना नही चाहती है और वह तो अपने भाग्य को कोस रही थी।महुँआ के फतेहपुर पकड़ी पंचायत अंतर्गत चांदसराय सहदुल्लचक निवासी सुमन के पिताजी स्व,संजय राक्ष की मौत क्ई वर्ष पूर्् हो गई थी।सुमन दो भाई मे अकेली बहन थी और माता रानी देवी के अलावा भाई,चाचा, चाची सब की दुलारी थी।भतीजी को विलाप करते देख चाचा शिवजी राम की आंख नम थी।माँ रानी भाई विक्की और विशाल सुमन की मांग सुनी होते देख विलाप कर रो रहे थे।उन्होंने पिता को मरने के बाद सुमन को लाड़ दुलाड़ से पाला था और पिछले दिसंबर माह मे ही उसकी शादी महुँआ थाने के गद्दोपुर निवासी चंदेश्वर राम के पुत्र राहुल कुमार से कु थी।तीन भाई और एक बहन मे सबसे बड़ा था।मृतक राहुल मृतक23वर्षीय राहुल तीन भाईयो और एक बहन मे सबसे बड़ा था।उसे क्या मालूम था कि कोलकाता से घर आ रहे पिता को उत्साह मे लाने तो जा रहा है पर उन्हें वह देख भी नही पाएगा।उसका उमंग साथ मे ही चला गया।राहुल के साथ उसका एक छोटा भाई रोहित भी घायल हूआ है।जबकि मोहन और सोहन तथा बहन स्वीटी इस घटना से टूट ग्ए है। माँ वीणा देवी तो सिर पटक पटककर पुत्र के शव पर रो रही थी।और हमेशा बेहोश हो जा रही थी।लोग उसे पानी के छीटे देकर होश मे ला रहे थे।एक ओर माँ जहां पुत्र को दीर्घायु होने और काल कल्वित होने बचाने के लिए जिउतिया ब्रत के लिए नहाए खाए की थी।जबकि यह दर्दनाक हादसा उसका सब कुछ उजाड़ दिया।