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Prayagraj News :कृषि यंत्रीकरण एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण योजनाओं पर विस्तृत चर्चा

रिपोर्ट विजय कुमार

अखिल भारतीय सरदार पटेल सेवा संस्थान आलोपीबांग परिसर में मंगलवार को 09 दिवसीय विराट किसान मेला 2023 के सप्तम दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में श्री विनोद कुमार, उप कृषि निदेशक प्रयागराज, श्री सुभाष मौर्य, जिला कृषि अधिकारी, श्री मुकेश कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, श्री एच0एन0 सिंह, सहायक निदेशक, मृदा परीक्षण, श्री प्रदीप यादव, सहायक अभियन्ता, संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज मण्डल, जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज श्री गौरव प्रकाश, भूमि संरक्षण अधिकारी एवं इं0 जी0पी0एम0 सिंह,, कृषि वैज्ञानिक के0वी0के0 नैनी, इं0 राना नूर आलम, कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी, उपस्थित रहे।

Prayagraj News :कृषि यंत्रीकरण एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण योजनाओं पर विस्तृत चर्चा
उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कृषि यंत्रीकरण योजनाएं एवं कृषि यंत्रों पर देय अनुदान के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी। कृषि विभाग में सब मिशन आॅन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना द्वारा सामान्य कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान तथा प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार एनसीटू मैनेजमेंट क्राप रेज्ड्यिू योजना जो फसल अवशेष प्रबंधन हेतु 40 से 50 प्रतिशत पर अनुदान देय है। फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना गांव में हो जाने से किसान इन सी टू फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी को आसानी से किराये पर भी ले सकते हैं इसके अलावा फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना योजना विभिन्न किसान समितियों, किसान उत्पादक संगठन योजना, स्वयं सहायता समूहों, महिला समूहों आदि को 80 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता भी सुनिश्यित करती है। उपरोक्त वर्णित लाभों के अलावा, किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि मशीनरी और अन्य प्रकार के उपकरण खरीदने में मद्द करने के लिये 50 प्रतिशत की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कृषि यंत्रीकरण योजना के परिणाम निश्चित रूप से पराली जलाने को कम करेंगे और इससे वायु प्रदूषण में कमी आयेगी।Prayagraj News :कृषि यंत्रीकरण एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण योजनाओं पर विस्तृत चर्चा

श्री सुभाष मौर्य जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा कृषकों को कृषि यंत्रीकरण हेतु कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं जायद में उर्द मंूंग के बीज की उपलब्धता एवं फसल में उर्वरक प्रयोग एवं सिंचाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी
तकनीकी सत्र में इं0 जी0पी0एम0 सिंह वैज्ञानिक, के0वी0के0 नैनी प्रयागराज द्वारा कृृषि यंत्रीकरण के महत्व के बारे में बताया गया कि आज के समय में ंसभी कार्य कृषि यंत्रों से करना सम्भव है। कृषि यंत्रीकरण का आशय खेती में पशु और मनुष्य की जगह यथा संभव यंत्र का प्रयोग हो, अर्थात जहां तक सम्भव हो सके पशु तथा मानव शक्ति को यंत्रीकरण द्वारा प्रतिस्थापित किया जाय। हल चलाने का कार्य ट्रैक्टरों द्वारा होना चाहिए। बुवाई और उर्वरक डालने का कार्य सीडड्रिल द्वारा करना चाहिए इसी तरह से फसल काटने का कार्य भी मशीनों द्वारा करना चाहिए। किसान बड़े-बड़े कृषि उपकरणों को एफ0पी0ओ0 एवं कस्टम हायरिंग के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। एक सामान्य किसान मशीनों का चयन इस प्रकार से करें कि उसके क्षेत्र विशेष में जो मशीनें पहले उपलब्ध है तो उनकी जगह नई एवं उस क्षेत्र में अनुउपलब्ध होने वाली मशीनों का चयन करें जिससे रोजगार का सृजन होगा जिससे किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। मशीनों को टैक्टर जैसे जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई मड़ाई एवं भण्डारण आदि करने से 34 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हो सकती है। बीज, खाद सीड्रिल से 20 प्रतिशत बीज की तथा 15 से 20 प्रतिशत खाद की बचत होती है फसल सघनता को 05 से 12 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। जीरी टिलेज ड्रिल मशीन से करने से खेती की लागत को घटाने के लिये किया जाता है। कृषि में मशीनों के प्रयोग करने से कृषि कार्यों की गति बढ़ जाती है, मानवीय शक्ति का प्रयोग कम हो जाता है और मशीनीकरण के फलस्वरूप गहन व सघन जुताई करना सम्भव हो पाता है इसके कारण प्रति हेक्टेयर में लागत कम हो जाती है और उत्पादन में वृद्धि हो जाती है। इं0 राना नूर आलम वैज्ञानिक, शुआट्स नैनी प्रयागराज द्वारा विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी गयी कि जिनमें मुख्यतः कम्बाइन हार्वेस्टर, में किये गये आधुनिक बदलाव के बारे में बताया गया कि आजकल आने कम्बाइन हार्वेस्टरों में एसएमएस (स्ट्रांग मैनेजमेंट सिस्टम) यह एक अतिरिक्त डिवाइस होता है जिसे इकट्टा हुए कृषि अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ें में पूरे खेत में फैला दिया जाता है जिससे अवशेष का प्रबंधन अच्छी तरह हो जाता है। हैपीसीडर का उपयोग बिना जुताई किये बुवाई के लिये किया जाता है जिससे बुवाई और जुताई के बीच लगने वाले समय और नमी का प्रबंधन होता है। उन्होंने बताया कि किसानों को 45 हार्स पावर की टैªक्टर की जगह 55 हार्स पावर का टैªक्टर भविष्य की योजनाओं और मशीनी अनुसंधान के लिये उपयुक्त रहेगा। किसान नई मशीन लेने के पहले यह सुनिश्चित कर लें कि मशीन का परीक्षण प्रमाणपत्र है या नहीं।
श्री प्रदीप यादव सहायक अभियन्ता, संयुक्त कृषि निदेशक प्रयागराज मण्उल, प्रयागराज द्वारा मृदा स्वास्थ्य संरक्षण के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि कृषकों को गर्मी की जुताई अवश्य करनी चाहिए तथा खेतों की मेड़बदी करनी चाहिए जिससे मृदा का कटाव रुकता है और मृदा में जीवांश पदार्थोें का संरक्षण बना रहता है जिससे पैदावार में वृद्धि होती है और कृषकों की आय बनी रहती है। कार्यालय भूमि संरक्षण के श्री सत्य प्रकाश यादव द्वारा प्रकाृतिक संसाधनों के संरक्षण के बारे में कृषकों को बताया गया कि विभाग द्वारा इसके लिये खेत तालाब योजना एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना चलायी जा रही है जिसके माध्यम से कृषकों को अनुदान देकर प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कराया जा रहा है।
आज के कार्यक्रम में कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा कृषकों की जानकारी के लिये 60 स्टाल लगाये गये तथा लगभग 1200 कृषकों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।

Prayagraj News :कृषि यंत्रीकरण एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण योजनाओं पर विस्तृत चर्चा
कार्यक्रम का संचालन श्री इंदिरा कान्त पाण्डेय, पूर्व उप परियोजना निदेशक, आत्मा प्रयागराज द्वारा किया गया।
जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा उप कृषि निदेशक, प्रयागराज की अनुमति से कृषकों, अधिकारियों एवं मीडिया सेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गयी।

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जनवाद टाइम्स