Pratapgarh News: जनपद प्रतापगढ़ में आज विश्वशान्ति हेतु सांसद प्रतापगढ़ ने कलश पूजन, शंखनाद और हवन से किया अनुष्ठान

संवाददाता गुलाब चन्द्र गौतम
प्रतापगढ़, संगम यूथ फाउण्डेशन द्वारा माता शीतला धाम कटरा मेदनीगंज में आध्यात्मिक कार्यो में युवाओं की रुचि को विकसित करने एवं मातृशक्ति के प्रति आस्था और निष्ठा जीवन्त करने के साथ ही कॅरोना संक्रमण काल से विश्वशान्ति हेतु एक भव्य आयोजन बहुत ही शालीनता से सम्पन्न हुआ। एकदिवसीय इस आध्यात्मिक आयोजन का प्रतिनिधित्व संगम यूथ फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अनुज दिनेश कुमार गुप्ता ने किया और प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता भी आयोजन में उपस्थित रहकर पूरी श्रद्धा के साथ अनुष्ठान में पूजन और हवन किया।
फाउण्डेशन के संयोजन के किए गए इस आध्यात्मिक आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए सांसद संगम लाल गुप्ता ने कहा कि मुझे इस बात की सराहना करते हुए बहुत ही आन्तरिक आनन्द की अनुभूति हो रही है कि भाई दिनेश गुप्ता की अध्यक्षता में संगम यूथ फाउण्डेशन के युवा पदाधिकारी और सदस्य अपने राष्ट्र की आध्यात्मिक चेतना के प्रति जागरूक हैं उसके प्रति अपनी श्रद्धा और निष्ठा रखते हैं। आध्यात्मिक अनुष्ठान सकारात्मक ऊर्जा के संवाहक है और वर्तमान समय में युवाओं की सकारात्मकता पर ही देश का भविष्य निर्भर है। इस कॅरोना संक्रमण काल में जहां पश्चिमी देशों में आर्थिक और भौतिक क्षति को प्राथमिकता दी जा रही है वहीं जनपद के युवा आध्यात्मिक चेतना को मूलाधार मानते हुए ऐसे भव्य और दिव्य आयोजन कर रहे हैं।
फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने संवाददाता के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि, आर्थिक और भौतिक आवश्यकताओं के महत्व समाज मे कम नहीं है परंतु आध्यात्मिक चेतना को जाग्रत रखना हमारी सनातनी सभ्यता का परिचायक है। हमारा देश लव कुश ध्रुव प्रह्लाद का देश है और वर्तमान युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की मृगरचिका में भटक रहे है अतः फाउण्डेशन के माध्यम से इस क्षेत्र में योगदान का यह गिलहरी प्रयास है। फाउण्डेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि विश्वनाथगंज लोकेश गुप्ता ने कहा कि संगठन के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों की भौतिक और आर्थिक स्थिति एक समान हो या कोई एक समान कर सकता हो यह सम्भव नहीं पर हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः की बाहक है अतः सामाजिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में अपनी निष्ठा को जीवंत रखकर हम समरसता और समानता का बोध स्थापित करने में सफल हो सकते हैं।