मदर डे विशेषांक : मां का हर रूप निराला है

मदर डे विशेषांक : मां का हर रूप निराला है
सुनील पांडेय : कार्यकारी संपादक
यूं तो इस दुनिया के हर इंसान के लिए हर दिन मदर्स डे (मातृ दिवस) से कम नहीं होता है। लेकिन साल में एक दिन मां को विशेष सम्मान देने के लिए मदर्स डे (मातृ दिवस )के रूप में मनाया जाता है ।आज मदर्स डे (मातृ दिवस) है। इस मदर्स डे (मातृ दिवस) पर दुनिया की सभी मांओ को मेरी तरफ से प्रणाम।हे ईश्वर तू दुनिया की सभी मांओं को सलामत रखे ,क्योंकि इस धरती पर ईश्वर को मैंने प्रत्यक्ष रूप से तो देखा ही नहीं पर मुझे हर मां में ईश्वरीय या दैवीय स्वरूप दिखाई देता है। मां तो ईश्वर का जीता जागता स्वरूप है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है । मां तेरे कई रूप हैं तेरे हर रूप की चर्चा करना मेरी बस की बात नहीं है । फिर भी एक तुच्छ सा प्रयास मैंने आपके विभिन्न रूपों को बताने का किया है । कभी तू पत्नी ,कभी तू मां,कभी तू बहू ,कभी तू सासू मां,कभी तू ननद, कभी तू भाभी , कभी दादी मां , कभी तू नानी मां और जाने क्या-क्या बन जाती है । पर इन रूपों में तेरा एक मां का रूप सबसे निराला और अलग है। उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है । एक स्त्री तभी पूर्णता प्राप्त करती है जब वह मां बनती है । इस रूप को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। ए मां मेरी नजर में तू देवियों की भी देवी है। तू 9 महीने तक अनेक कष्टों को सहन कर अपनी संतान को जन्म देती है । इसलिए हे मां तुझे जननी कहा गया है । ऐ मां तेरे अनेक गुण हैं मैं किस -किस गुण का बखान करूं मेरे पास शब्द ही नहीं है। मैं तो बस इतना कहता हूं तू गुणों की खान है । यदि इस पृथ्वी पर मानव जीवन है तो उसका आधार मां तू ही है। मां के बिना हम इस सृष्टि की कल्पना ही नहीं कर सकते । मां तू हम जैसे मनुष्य को पृथ्वी पर लाने का मूल आधार है । मां तेरा हर रूप पूजनीय एवं वंदनीय है। इस संसार में लोग स्वर्ग नरक की बात करते हैं । मां तेरे चरणों में ही मुझे स्वर्ग दिखाई देता है । मां तेरे आंचल तले मुझे जो सुख मिलता है उसके समक्ष दुनिया का सारा सुख तुच्छ सा प्रतीत होता है । मां तू दया और ममता की जीती जागती प्रीतिमूर्ति है । मां ऐसे ही तू सदा सलामत रहे । मां तू है तो मेरे लिए क्रिसमस है , ईद है, होली है और दिवाली है। तू नहीं तो मेरे लिए सब कुछ खाली है।
आइए इस मदर्स डे(मातृ दिवस) के इतिहास की संक्षिप्त जानकारी आपको देते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने 9 मई 1914 को एक कानून पारित किया था। जिसके पश्चात प्रत्येक वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे (मातृ दिवस) के रूप में मनाया जाता है। इस फैसले के बाद अमेरिका एवं भारत सहित विभिन्न देशों में मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे (मातृ दिवस) के रूप में मनाया जाता है। संयोग से आज ही वह शुभ दिन है। इस दिन अर्थात मदर्स डे (मातृ दिवस) पर हम अपनी मां को ढेर सारा उपहार एवं सम्मान देते हैं तथा उनका आशीर्वाद लेते हैं। उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेते हैं । अंत में इस मदर्स डे (मातृ दिवस) पर दुनिया की सभी मांओं को मैं करबद्ध प्रणाम करता हूं। मां ऐसे ही तू हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखना।