मेरठ न्यूज: कहा गया करोड़ों का बजट। नाले हुए चोक, पुलियाओं में निकले सरिए

संवाददाता: मनीष गुप्ता
कहा जाता है करोड़ों रुपया। किसी को नहीं पता। मर मर के जिंदगी जी रहे हैं लोग। कोन दूर करेगा इनकी समस्या। कोन दिलाएगा इन मुसीबतों से इनको निजात। सरकार की तरफ से हर साल शहर की साफ सफाई के लिए विभाग को फंड आता है। तो क्यों विभाग उस फंड का सही तरीके से इस्तेमाल क्यों नहीं करता है।
कॉलोनियों और बाजारों के बीच से होकर निकलते यह नाले खुद बया कर रहे हैं की लोग कैसे जीते हैं अपनी जिंदगी। घरों का पानी छोटी छोटी नालियों के द्वारा ही इन बड़े नालों में जाकर गिरता है। जब यह बड़े नाले ही चोक हो जायेगे। तो घरों का पानी कहा जाएगा। नगर निगम इस समस्या को गंभीरता से ले। तो जनता के लिए बहुत सुख दाई होगा। दूसरी और जगह जगह नाले नालियों के ऊपर पुलिया निर्माण इसलिए किया जाता है। ताकि जनता को अपने मुख्य स्थान पर पहुंचने में कम समय लगे।
लेकिन जनता को यह नही पता है कि रास्ते में उनको परेशानी भी हो सकती है। जैसा की अभी आपको बताया कि साफ सफाई के लिए काफी फंड विभाग को दिया जाता है। उसी प्रकार पुलियाओं के निर्माण व उनकी हालत सुधारने या उनकी मरम्मत के लिए विभाग को फंड उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन हम सब देख सकते है। की किस तरह से पुलिया में ऊपर की तरफ सरिये निकल गए हैं। जो दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। लेकिन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।