मेरठ न्यूज: कूड़े के ढेर में अपनी जिंदगी तलाशते बच्चे।

संवाददाता: मनीष गुप्ता
कब दूर होगी गरीबी?
हमारे देश में अगर गरीबों पर नजर डाली जाए तो उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। गरीब बच्चे दो वक्त की रोटी के लिए क्या कुछ करने को तैयार नहीं होते हैं। हर वो काम करने के लिए तैयार रहते हैं जो इनके लिए नही बना है। जैसे किसी दुकान पर झाड़ू लगाना, होटल पर बर्तन मांजना, सड़क पर भीख मांगना, कूड़ा कचरा उठाना आदि काम ऐसे है जो इनको करने पड़ते हैं। सिर्फ क्यों। बस इसलिए की दो वक्त की रोटी कपड़ा मिल जाए। जबकि यहां पर सरकार और अन्य संस्थाएं भी गरीबी रेखा में रहने वालो की मदद के लिए कार्य करती रहती है। लेकिन देखिए इन बच्चो को कैसे कूड़े में अपना जीवन तलाश कर रहे हैं। इनको देखकर लगता है की शायद इन्होंने कई दिन से सही से खाना भी नहीं खाया है। यह लोग फुटपाथ पर ही अपना जीवन व्यापित कर रहे हैं। यह गरीब लोग दो वक्त का खाना बड़ी मुश्किल से कर पाते हैं। तो घर का कैसे करेगे। बच्चो की पढ़ाई का तो पूछो मत। पूरे दिन बच्चे इस खुली सड़क पर ही खेलते रहते हैं। इनको शिक्षा देने के लिए, खाना देने के लिए, सिर पर छत देने वाला कोई नहीं है। गर्मी बरसात में यह लोग इधर उधर रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अब सरकार से व संस्थाओं से एक बात कहना चाहता हूं कि इन गरीब लोगो की गरीबी दूर करने में मदद करे। ताकि यह भी अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा दे सके। और एक कामयाब इंसान बना सके।