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Mahakumbha Nagar Prayagraj News:चीन और भारत की आबादी को छोड़ दें तो महाकुम्भ में शामिल हुए उतने लोग, जितनी दुनिया के बड़े देशों की जनसंख्या तक नहीं

रिपोर्ट विजय कुमार

महाकुम्भ नगर। तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर बीते 13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ 2025’ अब इतिहास रच चुका है। यहां अबतक पचास करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है। 50 करोड़ से अधिक की यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अबतक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है। इस विराट समागम का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के सुव्यवस्थित प्रयासों से भारत की इस प्राचीन परंपरा ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को मुग्ध कर दिया है।Mahakumbha Nagar Prayagraj News: Leaving aside the population of China and India, the number of people who participated in Maha Kumbh is more than the population of even the big countries of the world

*अमेरिका, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों की जनसंख्या भी इतनी नहीं*
यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) शामिल हैं। वहीं महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की अबतक की संख्या (50 करोड़ पार) को देखा जाए तो केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अधिक है। जबकि अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और मैक्सिको की जनसंख्या भी इससे कहीं पीछे है। ये दिखाता है कि महाकुम्भ अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह सनातन धर्म के विराट स्वरूप का प्रतीक बन चुका है।Mahakumbha Nagar Prayagraj News: Leaving aside the population of China and India, the number of people who participated in Maha Kumbh is more than the population of even the big countries of the world

*सीएम योगी की उम्मीदों से भी पार पहुंच चुका है श्रद्धालुओं का आंकड़ा*
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब उस शिखर के भी पार पहुंच गया है, जिसकी महाकुम्भ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी। सीएम योगी ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार जो भव्य और दिव्य महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है वह स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा। उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। बता दें कि उनका यह आंकलन बीते 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था। वहीं शुक्रवार (14 फरवरी) को यह संख्या 50 करोड़ के ऊपर पहुंच चुका है। अभी महाकुम्भ में 12 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की यह संख्या 55 से 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है।Mahakumbha Nagar Prayagraj News: Leaving aside the population of China and India, the number of people who participated in Maha Kumbh is more than the population of even the big countries of the world

*विभिन्न स्नान पर्वों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़*
यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था।

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जनवाद टाइम्स