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लखनऊ: कारागार मंत्री ने सम्पूर्णानन्द प्रशिक्षण संस्थान में दीक्षांत परेड का किया निरीक्षण

उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों व जेल वार्डरों ने परेड में दिखाया अनुशासन और दक्षता, मंत्री ने दी शुभकामनाएँ

लखनऊ स्थित डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित दीक्षांत परेड में प्रदेश के कारागार मंत्री ने मान-प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षुओं को बधाई दी और समाज व कारागार प्रशासन की सेवा में नई ऊर्जा और अनुशासन के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।

लखनऊ स्थित डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित दीक्षांत परेड में प्रदेश के कारागार मंत्री ने मान-प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षुओं को बधाई दी और समाज व कारागार प्रशासन की सेवा में नई ऊर्जा और अनुशासन के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।

परेड में छत्तीसगढ़ राज्य के अधीक्षक एवं सहायक जेल अधीक्षक, उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षु डिप्टी जेलर (120वाँ सत्र) तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के प्रशिक्षु जेल वार्डर (177वाँ सत्र) सम्मिलित हुए। प्रशिक्षुओं ने अनुशासन, परेड प्रदर्शन और प्रशिक्षण से अर्जित दक्षताओं का प्रदर्शन किया।

कारागार मंत्री ने कहा कि कारागार केवल बंदीगृह नहीं, बल्कि सुधारगृह है, जहाँ से कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने तकनीकी ज्ञान, अनुशासन और मानवीय संवेदनशीलता के संतुलन पर बल देते हुए जेल प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जेल प्रशासन को आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और सुधारात्मक दृष्टिकोण से सज्जित करना सरकार की प्राथमिकता है।

प्रमुख तथ्य:

दीक्षांत परेड में कुल 131 प्रशिक्षार्थी शामिल हुए।

इनमें 08 डिप्टी जेलर (उत्तर प्रदेश), 03 जेल अधीक्षक एवं 06 सहायक जेल अधीक्षक (छत्तीसगढ़), तथा कुल 114 जेल वार्डर शामिल रहे।

जेल वार्डरों में उत्तराखण्ड राज्य के 55 और उत्तर प्रदेश राज्य के 59 वार्डर सम्मिलित रहे।

अधिकारियों का प्रशिक्षण सत्र 05 दिसम्बर 2024 से प्रारंभ हुआ था, जबकि जेल वार्डरों का प्रशिक्षण सत्र 23 मार्च 2025 से प्रारंभ हुआ था।

संस्थान में अधीक्षक, डिप्टी जेलर और सहायक अधीक्षक का आधारभूत प्रशिक्षण 8 माह का तथा जेल वार्डर का प्रशिक्षण 5 माह का निर्धारित है।

मार्च 2025 तक संस्थान ने 1719 अधिकारियों और 13,277 जेल वार्डरों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसके अलावा लगभग 1257 अधिकारियों व कार्मिकों को रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।

परेड में छत्तीसगढ़ राज्य के अधीक्षक एवं सहायक जेल अधीक्षक, उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षु डिप्टी जेलर (120वाँ सत्र) तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के प्रशिक्षु जेल वार्डर (177वाँ सत्र) सम्मिलित हुए। प्रशिक्षुओं ने अनुशासन, परेड प्रदर्शन और प्रशिक्षण से अर्जित दक्षताओं का प्रदर्शन किया।

लखनऊ स्थित डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित दीक्षांत परेड में प्रदेश के कारागार मंत्री ने मान-प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षुओं को बधाई दी और समाज व कारागार प्रशासन की सेवा में नई ऊर्जा और अनुशासन के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।

परेड में छत्तीसगढ़ राज्य के अधीक्षक एवं सहायक जेल अधीक्षक, उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षु डिप्टी जेलर (120वाँ सत्र) तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के प्रशिक्षु जेल वार्डर (177वाँ सत्र) सम्मिलित हुए। प्रशिक्षुओं ने अनुशासन, परेड प्रदर्शन और प्रशिक्षण से अर्जित दक्षताओं का प्रदर्शन किया।

कारागार मंत्री ने कहा कि कारागार केवल बंदीगृह नहीं, बल्कि सुधारगृह है, जहाँ से कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने तकनीकी ज्ञान, अनुशासन और मानवीय संवेदनशीलता के संतुलन पर बल देते हुए जेल प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जेल प्रशासन को आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और सुधारात्मक दृष्टिकोण से सज्जित करना सरकार की प्राथमिकता है।

प्रमुख तथ्य:

दीक्षांत परेड में कुल 131 प्रशिक्षार्थी शामिल हुए।

इनमें 08 डिप्टी जेलर (उत्तर प्रदेश), 03 जेल अधीक्षक एवं 06 सहायक जेल अधीक्षक (छत्तीसगढ़), तथा कुल 114 जेल वार्डर शामिल रहे।

जेल वार्डरों में उत्तराखण्ड राज्य के 55 और उत्तर प्रदेश राज्य के 59 वार्डर सम्मिलित रहे।

अधिकारियों का प्रशिक्षण सत्र 05 दिसम्बर 2024 से प्रारंभ हुआ था, जबकि जेल वार्डरों का प्रशिक्षण सत्र 23 मार्च 2025 से प्रारंभ हुआ था।

संस्थान में अधीक्षक, डिप्टी जेलर और सहायक अधीक्षक का आधारभूत प्रशिक्षण 8 माह का तथा जेल वार्डर का प्रशिक्षण 5 माह का निर्धारित है।

मार्च 2025 तक संस्थान ने 1719 अधिकारियों और 13,277 जेल वार्डरों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसके अलावा लगभग 1257 अधिकारियों व कार्मिकों को रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।

कारागार मंत्री ने कहा कि कारागार केवल बंदीगृह नहीं, बल्कि सुधारगृह है, जहाँ से कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने तकनीकी ज्ञान, अनुशासन और मानवीय संवेदनशीलता के संतुलन पर बल देते हुए जेल प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जेल प्रशासन को आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और सुधारात्मक दृष्टिकोण से सज्जित करना सरकार की प्राथमिकता है।

प्रमुख तथ्य:

दीक्षांत परेड में कुल 131 प्रशिक्षार्थी शामिल हुए।

इनमें 08 डिप्टी जेलर (उत्तर प्रदेश), 03 जेल अधीक्षक एवं 06 सहायक जेल अधीक्षक (छत्तीसगढ़), तथा कुल 114 जेल वार्डर शामिल रहे।

जेल वार्डरों में उत्तराखण्ड राज्य के 55 और उत्तर प्रदेश राज्य के 59 वार्डर सम्मिलित रहे।

अधिकारियों का प्रशिक्षण सत्र 05 दिसम्बर 2024 से प्रारंभ हुआ था, जबकि जेल वार्डरों का प्रशिक्षण सत्र 23 मार्च 2025 से प्रारंभ हुआ था।

संस्थान में अधीक्षक, डिप्टी जेलर और सहायक अधीक्षक का आधारभूत प्रशिक्षण 8 माह का तथा जेल वार्डर का प्रशिक्षण 5 माह का निर्धारित है।

मार्च 2025 तक संस्थान ने 1719 अधिकारियों और 13,277 जेल वार्डरों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसके अलावा लगभग 1257 अधिकारियों व कार्मिकों को रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।

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