बिहार के वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में तेंदुआ की हुई मौत

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
गोवर्धन रेंज के सोनवर्षा गंव के समीप एक तेंदुआ की मौत हो गई। तेंदुए की मौत 31 दिसंबर की देर शाम में हुआ। बताते चलें कि लगभग सात दिन पहले तेंदुवे ने जंगली सूअर का शिकार किया था। जिसमें सूअर के शरीर का बालों का गुच्छा उसके पेट के अंदर फस गया था।
शुक्रवार को वन कर्मियों की टीम वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थी। उसी दौरान सोनवर्षा गांव के समीप तेंदुआ का शव देखा। जिसकी सूचना पर ही अधिकारियों को दी । जिसके बाद जिला से वन विभाग के अधिकारी व डॉक्टर घटना स्थल पर पहुंचे ।
आंत में इंफेक्शन की वजह से हुई मौत
वन संरक्षक हेमकात राय ने बताया कि तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया। पेट में रुकावट के कारण, वह खाने में असमर्थ था। जिसके कारण कमजोर हो गया था। ठंड के कारण इसकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई।
इसके परिणामस्वरूप आत में संक्रमण हो गया। जिससे आंत में trichobazoar यानी की जानवर का कोई पार्ट नहीं पचा। जिसको पचाने के लिए जंगली पौधे को तेंदुवे ने खाया था।
जिसे Phytobazoar हो गया यानी पौधा भी नहीं पचा। उन्होंने बताया कि यह बहुत ही टिपिकल केस था। मृत तेंदुआ का पोस्ट मार्टम हो गया । जिसे अधिकारियों के देख रेख में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस वर्ष 98 पर पहुंचा था तेंदुआ की संख्या
इस वर्ष तेंदुओं का गणना हुआ था। जिसमें 98 तेंदुआ VTR में दिखा था। वाल्मिकी टाइगर रिजर्व टाइगर के साथ सभी जानवरों को सुरक्षित करने का काम करता है।
गोवर्धन रेंज के सोनवर्षा गंव के समीप एक तेंदुआ की मौत हो गई। तेंदुए की मौत 31 दिसंबर की देर शाम में हुआ। बताते चलें कि लगभग सात दिन पहले तेंदुवे ने जंगली सूअर का शिकार किया था। जिसमें सूअर के शरीर का बालों का गुच्छा उसके पेट के अंदर फस गया था।
शुक्रवार को वन कर्मियों की टीम वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थी। उसी दौरान सोनवर्षा गांव के समीप तेंदुआ का शव देखा। जिसकी सूचना पर ही अधिकारियों को दी । जिसके बाद जिला से वन विभाग के अधिकारी व डॉक्टर घटना स्थल पर पहुंचे ।