Etawah News: जिला अस्पताल के ब्लैक फंगस बार्ड का सदर विधायक ने किया निरीक्षण
संवाददाता दिलीप कुमार
इटावा:कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच सदर विधायक सरिता भदौरिया ने शनिवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में बनाए गए कोरोना आइसोलेशन वार्ड व ब्लैक फंगस वार्ड का भी जायजा लिया। जिस तरह प्रदेश में कोरोना के संक्रमण के साथ अब ब्लैक फंगस का संक्रमण भी बढ़ने लगा है उसको देखते हुए जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस वार्ड अलग बनाया दिया गया है, जिसमे मौजूदा सुविधाओं का जायजा सदर विधायक ने पहुंचकर लिया, उन्होंने 45 वर्ष से ऊपर वाले के साथ साथ 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने की अपील की। घर से बाहर बेवजह नहीं निकलने, आवश्यक काम हो तभी मास्क लगाकर बाहर निकलने, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की अपील की।
क्या है म्यूकर माईकोसिस:
म्यूकर माईकोसिस एक दुर्लभ तरह का फंगस है। यह नाक के द्वारा या चोट से आए घाव और खरोंच के जरिए शरीर में ज्यादा तेजी से फैलता है। उन मरीजों में यह ज्यादा देखने को मिल रहा है जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है। एम्स में म्यूकर माईकोसिस ट्रीटमेन्ट टीम के हेड व ईएनटी सर्जन डा. अमित त्यागी का कहना है कि कोरोना संक्रमित वह पेशेन्ट जिनका शुगर लेवल नियन्त्रण में नहीं है, उन्हें इस बीमारी से ज्यादा खतरा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इस फंगस को तेजी से पनपने का मौका मिलता है और रोगी जल्दी ही गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है।
म्यूकोर माईकोसिस के प्रमुख लक्षण
बुखार, सिरदर्द, नाक बंद होना, नाक से गन्दा पानी बहना, आंख में सूजन होना, आंखों में दर्द होना, आंख का मूवमेन्ट कम होना, आंख से कम दिखायी देना और रोगी की देखने की क्षमता का क्षीण होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह बीमारी उन लोगों में अधिक देखी जा रही है जिन्हें डायबिटीज की समस्या है।
क्या है डॉक्टर की सलाह:
डॉक्टरों की सलाह है कि स्टेरायड के सेवन से इलाज करने वाले कोविड संक्रमित रोगी अपने शुगर की नियमित जांच करवाएं और शुगर लेवल पर नियन्त्रण रखे। लक्षण नजर आने पर बिना देरी किए डाक्टर से सलाह लें। बिना चिकित्सीय सलाह के स्टेरायड का सेवन कदापि न करें। डा.त्यागी ने बताया कि कोविड पेशेन्ट को अधिकतम 10 दिनों से ज्यादा स्टेरायड का सेवन नहीं करना चाहिए। दवा की ज्यादा डोज बेहद नुकसान दायक है। इसके अलावा कोविड संक्रमित होने पर रोगी को पहले 6 हफ्तों के दौरान अपने शुगर लेवल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एम्स में भर्ती म्यूकर माईकोसिस के अधिकांश रोगी शुगर रोगी भी हैं।
म्यूकर माईकोसिस का उपचार:
यह संक्रमण नाक व साईनस से शुरू होता हुआ शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगता है। इसके उपचार में शरीर में बेजान और संक्रमित ऊतकों को निकाला जाता है, इसलिए कुछ मरीज अपनी ऊपरी दाड़ और आंखें खो बैठते हैं। इसके उपचार में 3 से 6 सप्ताह तक नसों का एंटी-फंगल उपचार भी शामिल है। घातक होने के कारण यह संक्रमण पूरे शरीर पर बुरा असर छोड़ता है। इसलिए इसके उपचार में सूक्ष्म जीवविज्ञानी, गहन न्यूरोलॉजिस्ट, कान-नाक-गला विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, सर्जन और अन्य विशेषज्ञ की सलाह ली जानी चाहिए।