Etawah News : पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल में मना हिन्दी दिवस

महेश कुमार इटावा: हिंदी दिवस हमारी राजभाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति के महत्व पर जोर देने के लिए एक महान कदम है। यह युवाओं को उनकी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ पहुंचते हैं और हम क्या करते हैं, अगर हम अपनी जड़ों के साथ जुड़े रहते हैं तो हम अचूक रहते हैं।
हर साल यह दिन हमें हमारी वास्तविक पहचान की याद दिलाता है और हमें अपने देश के लोगों के साथ एकजुट रखकर संस्कृति और मूल्यों को याद दिलाता है। इसलिए हम इस दिन को होली व दीपावली की तरह उत्सव के रूप में मनाएं। यह विचार एडीआईओएस मुकेश यादव ने मानिकपुर ग्वालियर हाइवे स्थित पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित समारोह में रखे। समारोह में कवियों का सम्मान किया गया और हिन्दी के उत्थान पर विचार विमर्श किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एडीआईओएस श्री यादव और स्कूल प्रबन्धक कैलाश चन्द्र यादव ने मां शारदे के चित्र पर माल्यार्पण कर की। इसके बाद एडीआईओएस ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी को हमारे देश मे राजभाषा का दर्जा हासिल है। हिन्दी केवल भाषा ही नहीं बल्कि हमारी मां समान है। हिन्दी हिन्दुस्तान को बांधती है। इसके प्रति अपना प्रेम और सम्मान प्रकट करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।
प्रबन्धक कैलाश चन्द्र यादव ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक, साक्षर से निरक्षर तक प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति हिन्दी भाषा को आसानी से बोल-समझ लेता है। यही इस भाषा की पहचान भी है कि इसे बोलने और समझने में किसी को कोई परेशानी नहीं होती। भारत में रहकर हिन्दी को महत्व न देना भी हमारी बहुत बड़ी भूल है। उनका प्रयास है कि स्कूल में पढ़ने वाला हर छात्र हिन्दी को आत्मसात करे और उसकी महत्ता को समझे। इस मौके पर कवि अशोक यादव, कमलेश शर्मा, राजीव राज, रोहित चौधरी व नवोदित कवि वैभव यादव और सत्यम यादव ने हिन्दी के सम्मान में काव्यपाठ किया। प्रबन्धक कैलाश चन्द्र यादव ने कवियों और सभी अतिथियों का प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। अध्यक्षता मां नारायणी इंटर कॉलेज के कार्यकारी प्रबन्धक सनी यादव ने की।