
रिषीपाल सिंह बसरेहर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसरेहर परिसर में लगा हेडपंप विगत 2 माह से खराब पड़ा हुआ है जिसकी किसी भी विभागीय कर्मचारी व अधिकारी ने सही करवाने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है, वही मरीजों के साथ आए लोगों को इधर-उधर पानी के लिए भटकना पड़ता है कहने को तो स्वास्थ्य केंद्र बसरेहर में पेयजल व्यवस्था हेतु पानी की टंकी का निर्माण भी कराया गया वह निर्माण केवल स्वास्थ्य केंद्र की सप्लाई देने के लिए दिखाई देता है लेकिन जन सुविधा के लिए उसमें पानी की कम से कम दो टूटी लगवाना अति आवश्यक है। लेकिन खंड विकास अधिकारी हो या जल निगम से संबंधित विकासखंड पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी आदि की अनदेखी के कारण मरीजों के साथ आए उनके तीमारदार पानी के लिए भटकते दिखाई देते जिसका जीता जागता उदाहरण जल निगम लगा द्वारा लगाया गया हेंडपम्प है जो लगभग 2 माह से एक बूंद भी पानी नहीं दे पा रहा है पीड़ितों ने बताया कि हम अपने मरीज की देखभाल करने के लिए जरूरत पढ़ने पर पानी के लिए भटकते है तथा आसपास लगे हेंडपम्प का इस्तेमाल करने को मजबूर है लेकिन स्वास्थ्य केंद्र परिसर में लगा नल मुंह चिडाता हैं और उससे भी जिम्मेदार अधिकारी आंख चुराते हुए चले जाते हैं आखिर कौन सुधारेगा इस स्थिति को?, मरीजों के साथ आए उनके तीमारदारों को पानी बाहर से खरीदना भी पड़ता है जिसकी कीमत लगभग ₹20 से लेकर ₹50 तक होती है। मरीजो के साथ आये उनके तीमारदारों ने कहा कि इस समस्या का समाधान तत्काल किया जाए जिससे हम लोग पानी तो आसानी से पी सके।
वही दूसरी तरफ हेडपंप के आसपास फैली गंदगी इस बात का सबूत है कि किस कदर सफाई के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है जबकि कई सफाई कर्मचारी खंड विकास कार्यालय में तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद रहते हैं खंड विकास कार्यालय पर सफाई कर्मी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है आरोप लगाते हुए जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष रामकुमार सविता ने कहा कि इंडिया मार्का नल के आसपास जो गंदगी दिखाई दे रही है उससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि जब स्वास्थ्य केंद्र की हालात यह है तो आगे क्या उम्मीद की जा सकती है उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा जिम्मेदार अधिकारी किस कदर अपनी जिम्मेदारी को नजर अंदाज किए हुए हैं। इंडिया मार्का नल के आसपास फैली गंदगी यह प्रमाणित करती है गैर जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी से कैसे अनदेखी करते हैं और खंड विकास अधिकारी के आंखों के नीचे अवैध कमाई करने में सफाई कर्मचारी के रूप में तैनात लोग लगे रहते हैं।




