Etawah News: सरकार द्वारा बाजरे का मूल्य घोषित

संवाददाता: मनोज कुमार
जसवंतनगर/इटावा: खरीफ की फसल में किसानों द्वारा बड़े बुवाई रकबे में बाजरे की फसल बोई जाती है। बाजरे के संभावित बाजार भावों ने किसानों की जेबों पर भारी आर्थिक संकट पैदा करने और उनकी मेहनत पर पलीता लगाने की स्थित तय कर दी है। इटावा जिले के कुल रकबे में जसवन्तनगर और चकरनगर क्षेत्रो में सबसे ज्यादा बाजरा उत्पादित होता है। इस बार मौसम अनुकूलता की वजह से बाजरे का उत्पादन अच्छा होने की संभावना है। सरकार द्वारा बाजरा खरीद के रेट तो निर्धारित कर दिये गए हैं लेकिन सोसायटी, संघ या सहकारी समितियों पर बाजरा खरीद के केंद्र नही बनाये गए है। जिन्हें बनाया जाना सुनिश्चित होने पर ही खरीफ फसल गारंटी समर्थन मूल्य किसानों को मिल सकता है और उन्हें आर्थिक नुकसान होने से बचाया जा सकता है ऐसा न होने पर बाजार रेट पर किसानों को मंडियों में ही बाजरे को बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। आढ़तिया ओने पौने दामों में बाजरा खरीद लेंगे।
प्रदेश में 30 हजार हैक्टेयर में बाजरे की बुबाई होती है। इस वर्ष बम्पर और कई लाख मीट्रिक टन बाजरा उत्पादन का अनुमान है। बाजरे का समर्थन मूल्य 2250 रुपए क्विंटल सरकार द्वारा भले ही घोषित है, मगर बाजार भाव 1200 से 1400 रुपए प्रति क्विंटल है। ऐसे में किसानों को प्रति जागरूक 800-1050 रुपए तक कम मूल्य मिलता है। अगर समय पर समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करा दी जाय, तो जिले के किसानों को कई करोड़ नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा और किसान को अपनी फसल का लाभकारी नही तो लागत मूल्य तो हासिल हो ही जायेगा।