Etawah News: डॉक्टर भीमराव आंबेडकर युवा समिति ने संविधान सम्मान यात्रा निकालकर किया मनु स्मृति का दहन।

संवाददाता रिषीपाल सिंह
इटावा कस्बा बसरेहर में आज संविधान सम्मान व मनुस्मृति दहन यात्रा का का आयोजन किया गया यात्रा कस्बा बसरेहर में स्थित डॉ भीम राव आंबेडकर पार्क से डॉ बी आर आम्बेडकर युवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष रॉकी राणावत, प्रदेश सचिव बंटी जाटव, प्रदेश महामंत्री टी.एस त्यागी व बुद्धिस्ट भंते जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, इस यात्रा में सैकड़ों मोटरसाइकिल सवार युवाओं ने प्रतिभाग किया यह यात्रा कस्बा बसरेहर से शुरू होकर ग्राम नवापुर, चंपानेर, संतोषपुर घाट, चितभवन किल्ली सुल्तानपुर, रसूलाबाद, रिटोली, रजपुरा तोताराम, नगला ठकुरी, मलपुरा, राजपुर, जैतपुर तोताराम, यासी नगर, शिवराजपुर से होते हुए शेखुपुर सरैया ग्राम पंचायत के ग्राम अड्डा बिहारी में स्थित डॉ बी आर आम्बेडकर पार्क में मनुस्मृति को जलाते हुए समापन किया गया। इस यात्रा में डॉक्टर बी आर अंबेडकर युवा समिति के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे जिनमें मुख्य रुप से मुकेश जाटव उपाध्यक्ष, प्रगति स्नेह कांत कोषाध्यक्ष, पुष्पेंद्र जाटव उर्फ मैक्स सदस्य, विकास जाटव, जितेंद्र जाटव, मोना जाटव, जाटव, बिल्लू टीकमपुर, नीटू (शाक्य टेंट हाउस) मुकेश जाटव, दुर्वेश कुमार, अनुराग आदि उपस्थित रहे।
डॉ बी आर आंबेडकर जैसे महापुरुष ने अपने ग्रंथों को संजोए रखने के लिए राजगृह जैसा एक विशाल भवन बनवाया था उसी महापुरुष ने आज ही के दिन 25 दिसंबर 1927 को एक पुस्तक को जला दिया था, जिसका नाम था मनुस्मृति।
क्या है मनुस्मृति?
एक ऐसी पुस्तक जिसमें ऐसा हलाहल विष भरा हुआ है जिसके चलते हमारे देश में कभी भी राष्ट्रीय एकीकरण का पौधा पुष्पित और पल्लवित नहीं हो सकता, मनुस्मृति नामक पुस्तक का रचयिता स्वायंभुव मनु को माना जाता है इस पुस्तक के आधार पर ही मानव समाज को चार वर्णों ब्राह्मण छत्रिय वैश्य शूद्र में विभक्त किया गया था। जिसमें ब्राह्मण वर्ण को सर्वशक्तिमान स्थापित किया गया था बाकी के 3 वर्ण ब्राह्मण समाज की सेवा के लिए मनु स्मृति में बताए गए थे।
क्या अभी भी जीवित है मनुस्मृति?
जी हां आज भी विश्वविद्यालयों में मनु स्मृति एक पाठ पुस्तक के रूप में पढ़ाई जाती है तथा जयपुर हाई कोर्ट की परिसर में आज भी मनु की मूर्ति भारत के संविधान को चढ़ाते हुए स्थित है साथ ही मनुस्मृति को मानने वाले लोग अभी भी समाज में जातिवाद, ऊंच-नीच, भेदभाव आदि कुरीतियों को जन्म दे रहे है। कुछ जानकारी विशेष सूत्रों से।