Breaking Newsबिहार: बेतिया

Bihar news गाँव- गाँव में चल रहा हैं खेत व ग्रामिण मजदूर सभा का सदस्यता अभियान- माले

भाकपा माले का खेग्रामस का सदस्यता एक लाख बनने का लक्ष्य

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के सदस्य अभियान गाँव गाँव में चल रहा है, न एक भी गाँव छूटे, न गरीबों का एक भी घर छूटे के लक्ष्य के साथ यह अभियान में चल रहा है, भाकपा-माले के एक- एक नेता कार्यकर्ता लगे हुए हैं, मैनाटांड़ प्रखण्ड में खेग्रामस का सदस्यता एक लाख बनने का लक्ष्य रखा गया है, उक्त बात कि जानकारी भाकपा-माले प्रखण्ड सचिव अच्छे लाल राम ने दिया!
माले नेता ने कहा कि यह सदस्यता अभियान गरीबों के दखल कब्जे में सेलिंग व सरकारी जमीन का कानूनी हक़ हासिल करने, भूमि से बेदखल करने की सामंती अपराधी ताकतों के खिलाफ संघर्ष तेज करने के साथ साथ फासिस्ट भाजपा शासन द्वारा गरीबों चलाए जा रहे बुलडोजर के खिलाफ संघर्ष तेज करने तथा भूमिहीनों को आवासीय भूमि मुहैया कराने व पर्चा धारियों को भूमि पर कब्जा दिलाने, राशन कार्ड निर्गत करने, स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने, किसानों को सिंचाई व्यवस्था सुचारु रुप से मुहैया कराने, निबंधन कार्यालय के द्वारा पर्चा व सीलिंग, भूदान, सरकारी विवादित भूमि की हो रहे निबंधन पर रोक लगाने आदि सवालों पर आंदोलन तेज होगा,
भाकपा-माले नेता इन्द्र देव कुशवाहा, बन्धु राम, सीताराम राम,लक्ष्मण राम, शंकर उरांव आदि नेताओं ने कहा है कि दिल्ली के भयावह मुंडका अग्निकांड, जिसमें 27 लोगों की मौत की अब तक पुष्टि हुई है, में कई लोगों की बिहार से होने की संभावना है. लेकिन इन मृतकों की शायद ही कोई खोज-खबर बिहार सरकार ने अब तक ली है.
राज्य के बाहर काम कर रहे मजदूरों की लगातार होती मौतें एक गहन चिंता का विषय है. उन्हें बेहद असुरक्षित परिस्थितियों में काम करना पड़ता है. हमने बारंबार केंद्र व बिहार सरकार से प्रवासी मजदूरों के लिए कानून बनाने की मांग की है ताकि उनके रोजगार व सुरक्षा की गारंटी हो सके. लेकिन इसके प्रति बिहार सरकार का रवैया लगातार उदासीन बना हुआ है. जो बहुत ही गंभीर मामला है.
अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार दिल्ली में मुंडका कंपनी में लगी आग की चपेट में बिहार की सहरसा की रहने वाली 35 वर्षीय सोनी , मुजफ्फरपुर की 42 वर्षीय गीता देवी, 29 वर्षीय मधु आदि मजदूर महिलाएं आई हैं, जिनकी कोई खोज-खबर नहीं है. सभी 27 लोगों का शरीर जलकर पूरी तरह से कंकाल बन गया है, जिसके कारण लाश की पहचान में संकट आ रहा है. इसलिए बिहार सरकार अपने स्तर से सभी मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए और मृतक परिजनों को तत्काल 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा करे.

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स