Breaking Newsबिहार

Bihar news-बिहार के कला संस्कृति को प्रमोट करने और लोगों के मनोरंजन करने के लिए पद्मिनी_कोल्हापुरी ही क्यों ?

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

सारण/सोनपुर मेला-आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरी बिहार के कला संस्कृति को प्रमोट करने और लोगों के मनोरंजन करने के लिए 17 नवंबर को सोनपुर मेले में आ रही हैं।

पिछले दो दशक में जन्मे लोग पद्मिनी कोल्हापुरी को नहीं जानते होंगे आपको बता दें कि 4 दशक पूर्व बॉलीवुड फिल्म प्रेम रोग से बतौर अभिनेत्री पूरे देश दुनिया में छा गई थी पद्मिनी कोल्हापुरी उसके बाद उनके नाम कोई कोई यादगार फिल्म नहीं रही। पिछले तीन दशकों से फिल्मों में भी सक्रिय नहीं है पद्मिनी कोल्हापुरी की चर्चा इसलिए कि 17 नवंबर को सोनपुर मेले में लोगों का मनोरंजन करने और बिहार की कला संस्कृति को प्रमोट करने आ रही है तो सवाल तो उठेगा ही की पद्मिनी कोल्हापुरी गाना सुनाएंगी या नृत्य करेंगी ऐसी किस विधा को दिखाएं जिससे उनकी सार्थकता होगी। खैर पद्मिनी कोल्हापुरी को लाखों रुपए आने जाने के लिए बतौर फीस जरूर मिलेगी। बिहार की कला संस्कृति को तहस-नहस करने का आरोप आप मौजूदा महागठबंधन सरकार पर नहीं लगा सकते। पर पद्मिनी कोल्हापुरी से बिहार के सरकारी अधिकारियों का प्रेम पुराना है जब भाजपा और जदयू की सरकार थी तब पटना के गांधी मैदान के दशहरा महोत्सव में भी पद्मिनी कोल्हापुरी को बुलाया गया था उस समय भी सवाल उठे थे कि इनके आने से लोगों का मनोरंजन हुआ या बिहार की कला संस्कृति को प्रमोशन मिला है जवाब आज तक नहीं मिला फिर पद्मिनी कोल्हापुरी आ रही है तो सवाल भी वही है। इस बार कला संस्कृति विभाग 13 दिनों तक सोनपुर में कलाकारों का जमवाड़ा लगा रहा है अगर बिहार से जुड़े बड़े कलाकारों की बात करें तो देवी बड़ा नाम है भोजपुरी से कल्पना पटवारी हालाकी इस बार दो से ढाई दर्जन बिहार के स्थानीय कलाकारों और उनके टीम को भी मौका मिला है पर सवाल फिर पद्मिनी कोल्हापुरी पर आकर ही अटक जाता है। जो कलाकार बॉलीवुड से पूरी तरह रिजेक्ट हो चुका है उस कलाकार को लाने के लिए बिहार के लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा क्यों पानी की तरह बहाया जाए क्या पद्मिनी कोल्हापुरी की जगह भोजपुरी सिनेमा से जुड़े कुणाल सिंह सरकार को याद नहीं रहे । लोकतंत्र में सवाल उठाना आम जनता का अधिकार है उन सवालों का जवाब देना हुक्मरानों का काम लोकतंत्र में चुनाव तक ही लोक यानी जनता की जरूरत होती है बाद में पूरी व्यवस्था तंत्र ही चलाता है।

Bihar news-बिहार के कला संस्कृति को प्रमोट करने और लोगों के मनोरंजन करने के लिए पद्मिनी_कोल्हापुरी ही क्यों ?

Related Articles

Back to top button
जनवाद टाइम्स