Bihar News कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति व कृषि संकट पर दो दिवसीय प्रशिक्षण: किसान महासभा

संवाददाता मोहन सिंह
बेतिया/ पश्चिम चंपारण । किसान विरोधी तीन काला कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसानों के 13 माह तक चले ऐतिहासिक आंदोलन के दबाव में मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था । लेकिन एक बार फिर मोदी सरकार ने किसान विरोधी चेहरे को उजागर करते हुए अपने बड़े पूंजीपति मित्रों के हित में कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति (एन पी एफ ए एम ) का प्रारूप पेश किया है जो अब राज्य सरकारों के माध्यम से पास करा देश की संपत्ति पूंजीपतियों को दिया जाएगा। इस किसान विरोधी रवैए के खिलाफ देश भर के किसानों में आक्रोश को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पटना में किसानों का तीन दिवसीय महापड़ाव हुआ है जिसमें नीतीश कुमार सरकार को कह दिया गया है कि बिहार में अगर किसान विरोधी कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति के प्रारूप पेश किया गया तो किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पर नीतीश सरकार के वक्फ बिल विरोधी रुख को देखते हुए नहीं लग रहा है कि यह किसानों के हीत में काम करेंगी।
ऐसे में अब संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। इसलिए किसानों को जागरूक करने और प्रशिक्षित करने के लिए 07-08 अप्रैल को दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर व राज्य परिषद की बैठक बेतिया के जानकी रिसोर्ट एवं विवाह भवन में रखा गया है। जिसे संबोधित करेंगे अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद राजा राम सिंह किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव एवं सांसद सुदामा प्रसाद व अन्य नेता। उक्त बातें किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने विज्ञप्ति जारी कर दिया। उन्होंने कहा कार्यक्रम में किसानों को जागरूक करने के साथ अखिल भारतीय किसान महासभा से जुड़कर किसान विरोधी दिल्ली और पटना की मोदी और नीतीश सरकार के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी की रूपरेखा तैयार होगा।
उक्त कार्यक्रम को किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व विधायक अरुण सिंह, बिहार राज्य महिला आयोग की पुर्व अध्यक्ष और पूर्व विधायक तथा किसान महासभा की राज्य अध्यक्ष मंजू प्रकाश, राज्य सचिव उमेश सिंह, राज्य सह सचिव व विधायक रामबली सिंह यादव, विधायक महानंद सिंह यादव आदि भाग लेंगे।