Bihar News-आज शहर के अक्षयवट राय स्टेडियम अंतर्गत कला मंच पर जिले के कई प्रखंडो से विधवा महिलाये एकत्रित हुई

संवाददाता -राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर । और अपने एक संगठन का निर्माण किया, जिसका नाम सर्व सम्मति से “विधवा दीदी संघर्ष मोर्चा ” रखा गया।
विधवा दीदियों ने बैठक में अपनी समस्याओं को खुलकर रखा। महिलाओं ने खुलकर रखा कि बिहार की नितीश सरकार ने विधवा महिलाओं के बच्चों के लिए ₹4000 मासिक देने का वादा किया था तथा बिहार में किए गए सर्वे के अनुसार 95 लाख लोगों को ₹200000 देने का वादा किया था किंतु इनका वादा भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के वादा के समान हीं दिख रहा है। उक्त हक को प्राप्त करने के लिए विधवा महिलाओं से 72000 से कम वार्षिक आय का आय प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है किंतु अंचलाधिकारी और कर्मचारी इतना राशि का आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए तैयार नहीं है जिस कारण नीतीश जी का यह वादा विधवा महिलाओं को एक दीपा स्वप्न दिखाई पड़ने लगा है। दूसरी ओर निर्माण मजदूर व संगठित क्षेत्र के मज़दूरों को भी बरे हीं बारीक तरीके से समाप्त करने का साजिश चल रहा है इसके विरुद्ध मजदूर वर्ग से मिलकर विधवा महिलाएं भी अपनी हक को हासिल करने के लिए संघर्ष के मैदान में उतरेंगी और यदि अंचल अधिकारी 72000 से काम का आय प्रमाण पत्र अगर विधवा महिलाओं को बनाकर नहीं देते है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस क्रम में 1 अगस्त को श्रमिकों के मांग को लेकर श्रम अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा उसके बाद आय प्रमाण पत्र के लिए 9 अगस्त को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा इसके बाद अंचलाधिकारी के समक्ष धारावाहिक आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद कला मंच से विधवा दीदिओं ने 1 मार्च निकालकर गांधी चौक पर पहुंचे जहां हक दो वादा निभाओ जैसे नारों से गांधी चौक गूंज उठा। इस गूंजती नारों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का पुतला दहन किया गया।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व एक्टू के जिला सहसचिव और असंगठित कामगार महासंघ के राज्य कमेटी सदस्य बच्चा बाबू, सविता देवी, नूतन शर्मा, मनीता देवी,विनीता देवी,रेखा देवी, सरिता देवी और रूबी देवी कर रहे थे। इसके बाद विधवा दीदी संघर्ष मोर्चा के सात सदसीय संयोजन समिति का गठन किया गया जिस समिति को व आमसभा को एक्टू के राज्य और जिला सचिव साथी सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने संबोधित किया और अपने वक्तव्य में उन्होंने विधवा महिलाओं को एकता और संघर्ष के बदौलत अपने हक को हासिल करने के लिए प्रेरित किया।