Bihar News-संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर हाजीपुर मे प्रतिवाद मार्च निकाला

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर। शहर में अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने शहर में प्रतिवाद मार्च के बाद कृषि बाजार की नई नीति के प्रारूप का दहन किया। प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के ललित कुमार घोष, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के त्रिभुवन राय ने किया। गांधी चौक पर पहुंचने के बाद विशेश्वर प्रसाद यादव के अध्यक्षता में सभा हुई ।
सभा को उपरोक्त नेताओं के अतिरिक्त किसान महासभा के गोपाल पासवान, सुमन कुमार, प्रेमा देवी, राम पारस भारती, हरि नारायण सिंह, रामजतन राय, सुरेश राय, अरविंद ठाकुर, महताब राय, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के राजेश रौशन, ने संबोधित करते हुए कहा कि 70 वर्ष के किसान नेता दल्लेबाल पिछले 26 दिनों से एमएसपी गारंटी कानून बनाने, किसानों के कर्ज माफ करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर है, लेकिन सरकार उनसे वार्ता कर उनका अनशन समाप्त नहीं करवा रही हैं। उल्टे संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटते हुए दिल्ली में जारी किसान आंदोलन पर सरकार द्वारा दमन चलाया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा के किसानों को गिरफ्तार करके जेल के शिकचों में डाल दिया गया है। किसानों के ऐतिहासिक 13 महीना के आंदोलन के बाद तीनों काला कृषि कानून सरकार ने वापस लिया था। लेकिन अभी फिर से उसी की तर्ज पर कृषि उपज व्यापार के लिए नया कानून का प्रारूप भारत सरकार ने पेश किया है। यह पूरी तरह से कृषि व्यापार को अडानी अंबानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में देने के लिए है।
बिहार के किसान एपीएम सी एक्ट खत्म किए जाने का विरोध करते हैं, फिर से कृषि मंडियों को चालू करने की मांग करते हैं। जबकि भारत सरकार देश के सभी कृषि मंडियों को बंद करना चाहती है। यहां तक की हाट बाजार में भी पूंजीपतियों के जरिए किसानों का फसल खरीद किया जाएगा। हो सकता है शुरुआती दिनों में पूंजीपति निर्धारित समर्थन मूल्य से कुछ ज्यादा राशि किसानों को दें। परंतु सभी सरकारी मंडियों और करय केंद्र के बंद हो जाने पर किसानों से होने दाम पर वे फसल का खरीद करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा खेती के कारपोरेटीकरण का विरोधी जारी रखेगी और गांव में किसान गोष्ठियों का आयोजन करके संघर्ष के लिए किसानों को तैयार करेंगी।