Bihar news बाघ के लगातार मूवमेंट्स बदलने से रेस्क्यू में हो रही है परेशानी-फील्ड डायरेक्टर,नेशामणि

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व ( वीटीआर ) बगहा का आतंक कम नहीं हुआ है। आदमखोर बाघ को पकड़ने में वन विभाग की रेस्क्यू टीम के पसीने छूट रहे हैं। अब बाघ ने अपना ठिकाना ही बदल लिया है।

बैरिया कला गांव में सैकड़ों वनकर्मी एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में उसका रेस्क्यू करने में दिन रात एक किये हुए हैं,लेकिन बाघ यहां से 25 किमी दूर रामनगर प्रखंड अंतर्गत चिउटाहा वन क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के गन्ने के खेत में छुप गया है। बतादें,
पिछले हफ्ते 21 सितंबर को बाघ ने बैरिया कला गांव में एक किसान को हमलाकर मार दिया । इसके बाद वन विभाग की टीम लगातार उसकी माॅनिटरिंग कर रही है। बाघ को पकड़ने के लिए पटना और हैदराबाद से एक्सपर्ट्स की टीम आई हुई है।दो दिनों से उसको पकड़ने के लिए जद्दोजहद किया जा रहा है । इसी बीच बाघ ने अपना ठिकाना बदल लिया है । वर्तमान समय में बाघ घटना स्थल से 25 किमी दूर रामनगर प्रखंड के गुदगुदी पंचायत अंतर्गत हरिहरपुर गांव के एक गन्ने के खेत में छुपा है।

वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम के नेतृत्व में 150 वनकर्मी रेस्क्यू करने में जुटे हैं। हाथी से गश्ती के साथ-साथ जिप्सी से पेट्रोलिंग कराई जा रही है। निदेशक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार की देर शाम बाघ घटनास्थल से दूसरी तरफ का रुख कर लिया। इसके बाद उसका लोकेशन ट्रैक करते हुए वनकर्मी शाम से ही उसकी माॅनिटरिंग कर रहे हैं और शीघ्र ही उसका रेस्क्यू कर जंगल के भीतर छोड़ दिया जाएगा ।
फील्ड डायरेक्टर नेशामणि के ने बताया कि बाघ का मूवमेंट लगातार बदलने से थोड़ी रेस्क्यू में परेशानी हो रही है, लेकिन उसके पगमार्क और कैमरे से निगरानी के तहत उसका मॉनिटरिंग करते हुए रेस्क्यू की कोशिश की जा रही है । उन्होंने बताया कि 150 से ज्यादा कर्मी रेस्क्यू और गांव की सुरक्षा में लगाए गए हैं। साथ ही दो हाथियों से बाघ की मॉनिटरिंग की जा रही है । नतीजतन गन्ना के खेत में उसका पग मार्क मिला है और पूरी टीम खेत की बेरिकेडिंग कर उसे पकड़ने में जुटी है।जल्द ही उसे पकड़ कर उसके हैबिटेट में छोड़ा जाएगा । बतातें चलें कि 12 सितंबर को बाघ ने एक महिला को शिकार बनाया था ।तभी से उसके रेस्क्यू की कोशिश की जा रही है, इसी बीच 21सितंबर को बाघ ने एक किसान को मार डाला । इसके बाद पटना और हैदराबाद से एक्सपर्ट्स की टीम आई हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि अभी जहां बाघ का ठिकाना है, उस क्षेत्र में पिछले वर्ष बाघ ने बंका नामक किसान को मार डाला था । ऐसे में जैसे ही लोगों को बाघ के मौजूदगी की भनक लगी,तभी से ग्रामीण दहशत में हैं और अपने मवेशियों को घर से बाहर नहीं निकाल रहे । बकरियों और भैंसों को सुरक्षित रखने के लिहाज से किसान उनको सेफ जगह पर लेकर जा रहे हैं ।
जानकारी के लिए बतादूँ,बाघ ने 5 माह के भीतर आधा दर्जन लोगों को अपना शिकार बनाया है। इसमें एक व्यक्ति का नरकंकाल बरामद हुआ था । ऐसे में माना जा रहा है कि बाघ आदमखोर हो गया है और यदि उसे जल्द काबू में नहीं किया गया तो इन रिहायशी इलाकों में इस तरह की दूसरी घटनाएं भी घट सकती हैं। ऐसे में आदमख़ोर हो चुके बाघ का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है।



