Bihar news जेएनयू छात्रावास में मेनू के अनुसार रविवार को मांसाहारी वस्तुओं को पकाने से एबीवीपी और उसके गुण्डों द्वारा रोकना, अन्य छात्रों द्वारा विरोध करने पर हमला करना लोकतंत्र के लिए खतरा- विधायक

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
रविवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं और गुंडों के एक समूह ने जेएनयू छात्रों और कावेरी हॉस्टल के निवासियों पर हमला, जेएनयू में फूड फांसिज्म का हमला है। जो चिंताजनक है।
उक्त बात भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहीं। आगे उन्होंने कहा कि अपनीं पसंद का भोजन करना हर नागरिकों को संवैधानिक अधिकार है। जेएनयू केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते यूनिवर्सिटी में देशभर के कई समुदाय के छात्र रहते हैं। यहाँ समावेशी और सिंक्रेटिक संस्कृति का एक हिस्सा है। जहां छात्र एक ही साथ रहते हुए अपने पसंद का खाना खाते हैं। इतना ही नहीं जेएनयू में तो मेनू के अनुसार में मांसाहारी वस्तुओं को पकाने का सीडूल था। फिर भी एबीवीपी और भाजपाई गुंडा रोक दिया था। विरोध करने पर छात्रों के साथ जबरदस्त हिंसात्मक हमला किया।
पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन की मौजूदगी में स्टूडेंटों के साथ खुल्लम मारपीट की गई। माले विधायक ने कहा कि यूपी, बिहार, बंगाल और कर्नाटक में जहां मुस्लिम फल विक्रेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
यहाँ तक दिल्ली में जहां एसडीएम, डिप्टी मेयर ने अवैध रूप से नवरात्रि में सभी मांस -मछली की दुकानों को बंद कराने को कहा गया। यह आरएसएस और भाजपा अपनी ब्राह्मणवादी सोच को दूसरे पर थोपना चाहती है। इसी तरह कर्नाटक में हिजाब का सवाल उठा कर अपने पसंद के कपड़े पहनने पर हमला हैं। भाजपा इस तरह सभी तरह के नागरिकों के अधिकारों पर हमला कर रहीं हैं। भाजपा मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के साथ आम नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करते जा रहीं हैं। इसलिए सभी देशवासियों को नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकताबद्ध होने का आह्वान किया।