Bihar News- अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई

संवाददाता राजेन्द्र कुमार
वैशाली /हाजीपुर
जिला सचिव रामबाबू भगत की अध्यक्षता में रामचौरा स्थित माले जिला कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में उपस्थित संगठन के राज्य सचिवज्ञ शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि मोदी की सरकार हर आपदा में पूंजीपतियों के लिए अवसर की तलाश करती है।
कोरोना जैसे आपदा के दौरान मोदी सरकार ने किसानो की जमीन और फसल अडानी अंबानी के तिजोरी में कैद करने के लिए तीन काला कृषि कानून लाया, इसके खिलाफ 13 महीना के किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के कारण इस काला कानून को वापस लेना पड़ा। इसी दौरान मोदी की सरकार ने मजदूरों के हित में बने 44 श्रम कानून को समाप्त कर मजदूरों को गुलाम बनाने वाला चार श्रम कोड लाया। देश के मजदूर अपने गुलामी के प्रतिक इस श्रम कोड को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। 10 राष्ट्रीय केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 9 जुलाई को मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। जिसमें खेत मजदूर संगठन अपने बैनर झंडा के साथ आगे बढ़कर हिस्सा लेगा। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की बिहार सरकार खेतिहर मजदूरों से पांच पांच डिसमिल आवासीय जमीन, पक्का मकान,₹6000 मासिक आय से कम वाले महा गरीबों को लघु उद्योग योजना से दो ₹200000 देने, का वादा किया था जो वादा जुमला साबित हुआ है। गांव गांव में खेत मजदूर को संगठित करके इन वादों को पूरा करने के लिए सरकार को मजबूत करना होगा। 30 जून को हाजीपुर में जिला स्तरीय कन्वेंशन आयोजित कर 9 जुलाई के हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया जाएगा।
बैठक में उपस्थित भाकपा माले के जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि अब इस सरकार से मांगने का समय नहीं रहा। 20 वर्षों से बिहार के डबल इंजन की सरकार झूठ-लूट और भ्रष्टाचार के बुनियाद पर चल रही है। इस सरकार को बदलकर ही बिहार को बदला जा सकता है। इसलिए माले द्वारा 18 जून से 27 जून तक जारी बदलो सरकार बदलो बिहार अभियान में सभी खेत मजदूर को शामिल करने का उन्होंने आह्वान किया। बैठक को पवन कुमार सिंह, रामबाबू पासवान, कमल देवनारायण भगत, उमेश महतो, सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया और संकल्प लिया गया कि खेग्रामस को मजबूत करके जिले के खेत मजदूरों मजबूत प्रतिनिधि संगठन बना देंगे।