Bihar News: सरकार ने विद्दालय के इंमारत को काफी पैसे खर्च कर के तो जरूर बनाया परन्तु पढाई नदारत।

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
हाजीपुर वैशाली।वैशाली जिले हो या अन्य जिलो मे सरकार ने सरकारी स्कूलों का इंमारत काफी पैसे लगाकर बना दिया किन्तु सरकारी स्कूलों मे पढाई की कमी दिखाई देता है।जिसके कारण अभिभावक ने अपने बच्चों को प्राइवेट विद्दालय मे पढा रहे है क्या कारण है?कारण कि सरकारी स्कूलों मे पढाई नही होती है।एक टीचर का वेतन लगभग पचास हजार से उपर है लेकिन शिक्षक गण अपने डियूटी पुरा करके महीने मे बेतन उठा लेते है परन्तु बच्चे के भविष्य के विषय मे कुछ नही सोचते है।जो व्यक्ति पैसे वाले है वह तो प्राइवेट स्कूल मे अपने बच्चे को दाखिला करा सकते है जो गरीब आदमी है वह कहाँ से अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल मे कैसे पढा सकते है।उनकी मजबूरी है कि उतना पैसा नही कमाते है।जो आदमी प्रतिदिन 300रूपये मजदूरी मिलते है वे कैसे महीना मे दो हजार देकर अपने बच्चे को पढा पायेगें।सरकार को चाहिए कि सरकारी विद्दालय मे पढाई पर ध्यान देना चाहिए था।जिससे गरीब बच्चे का भविष्य उज्जवल हो।बड़ा आदमी जैसे मंत्री,विधायक, सांसद, पूँजीपति लोग अच्छे से अच्छे स्कूल मे अपने बच्चों को अच्छा शिक्षा दिला सकता है।लेकिन गरीब के बच्चे को अच्छा शिक्षा मिलना मुमकिन है।अभी सरकार ने शराबंदी पर नये नये कानून बना रही है कि बिहार मे शराब तस्करी पर रोक लगे।उसी तरह सरकारी स्कूल के शिक्षक पर कड़ाई हो जिससे अच्छी पढाई हो कि बच्चे का भविष्य उज्जवल हो लेकिन ऐसा नही हो रहा है।सरकार ने हर जिले का स्कूल के इमारत को अच्छी ढग से बनबाया है।उसी अनुपात मे पढाई भी होनी चाहिए कि गरीब के बच्चे अच्छा पढ लिखकर देश व राज्य का नाम रौशन करे।इस पर सरकार को गंभीरता से सोचने का वक्त है।हम भला तो सब भला।देश व राज्य के बच्चे देश के भविष्य है