Bihar News: थारू कल्याण महासंघ के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व मंत्री प्रेम नारायण गढ़वाल नहीं रहे।

संवाददाता मोहन सिंह
बेतिया भारतीय थारू कल्याण महासंघ के केंद्रीय मंत्री व पूर्व मंत्री प्रेमनारायण गढ़वाल (90)की आकस्मिक मौत पर पुरे थरुहट सहित अगल बगल के गावों मे शोक की लहर व्याप्त है। प्रेमनारायण गढ़वाल की मौत सोमवार को 4:00 बजे पटेल नगर पटना स्थित उनके आवास पर ह्रदय गति रुक जाने के कारण हो गई। अपनी बीमारी का चेकअप कराने पटना गए थे। इसी बीच मंगलवार की शाम मे उनकी मौत हो गई।उनके पार्थिव शरीर को निजी वाहन से जमुनिया स्थित उनके आवास पर लाया गया जहा हजारों लोगो ने उनकी अंतिम दर्शन श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनका अंतिम संस्कार दोमाठ घाट के पंडई नदी के किनारे बुधवार के शाम मे किया गया। बुधवार की शाम को की गई उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया उन्हें मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र सुधांशु गढ़वाल ने दी। प्रेमनारायण गढ़वाल का जन्म 1940 ई0 मे हुआ था। कांग्रेस सरकार में 1971 से 1983 तक बिहार मे एमएलसी रहे। इसी बिच 1980 से 1985 तक बिहार के गन्ना मंत्री, उद्योग मंत्री व जेल मंत्री रहे। मंत्री के पद पर रह कर उन्होंने जनता की सेवा की।वे भारतीय थारू कल्याण महासंघ के स्थापना कर वर्ष 1971 से 2015 तक भारतीय थारू कल्याण महासंघ के केंद्रीय अध्यक्ष पद को सुशोभित करते हुए थारू जाति के सभ्यता व संस्कृति को संजोए रखा तथा थारू जाति को प्रदूषित होने से बचाया। उन्होंने जमुनिया मे 1980 मे रघुवीर उच्च विद्यालय की स्थापना की। स्थापना कर थरुहट के सुदूर व पिछड़े इलाके मे शिक्षा का दीप जलाकर थरुहट के हजारों लड़के व लड़कीयों को निःशुल्क शिक्षा दिलाने का काम किया। थरुहट क्षेत्र के रामपुर, गोनौली व हरनाटाड़ जैसे पिछड़े इलाकों मे भी नयी स्कूल की स्थापना करने मे सहयोग दिया तथा लोगो को शिक्षा मिलाकर आत्मनिर्भर बनाया। वे अपने पीछे विधवा पत्नी गोमती देवी, तीन पुत्र सुधांशु गढ़वाल, नरेंद्र गढ़वाल व ई0 शैलेन्द्र गढ़वाल तथा दो पुत्री इंदु देवी व बिंदु देवी को छोड़ गये है। उनकी पत्नी गोमती देवी पूर्व महिला संघ की अध्यक्ष है उनके छोटे पुत्र ई0 शैलेंद्र गढ़वाल पश्चिमी चंपारण जिला पार्षद के जिलाध्यक्ष रह चुके है। उनके इस आकस्मिक मौत पर पूरे जिले के थारू समाज मे शोक की लहर है जमुनिया बाजार उनके मौत पर बुधवार को बंद रहा। फोटो