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Ambedkernager News: ओवरलोड ट्रकों पर नहीं लग पा रही लगाम एआरटीओ में भ्रष्‍टाचार खत्‍म करना एक बड़ी चुनौती।

संवाददाता पंकज कुमार

अंबेडकर नगर जिले मे प्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद प्रशासन की नाक के नीचे ओवरलोड मौरंग व गिट्टी लदे ट्रक धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। कस्बे से मौरंग लाद कर निकल रहे ट्रकों द्वारा सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है,लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने से अंबेडकर नगर जनपद मुख्यालय के मार्ग सहित कई मुख्य मार्गो की सड़कें ध्वस्त हो रही है।

जिले का उप संभागीय परिवहन कार्यालय दलालों का अड्डा बनकर रह गया है। चाहे लायसेंस बनवाने की बात हो या फिर ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की, सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया है। अधिकारी कैबिन में बैठकर शिकायत आने पर कार्रवाई करने का दंभ भर रहे हैं। यानी जब तक शिकायत नहीं तब तक कार्रवाई किसी पर नहीं होगी। चाहे जिले की सड़कें बदहाल क्यों न हो जाएं। परिवहन अधिकारी ठान कर बैठे हैं कि खुद जाकर सड़कों पर वाहन की चैकिंग कभी नहीं करेंगे, शिकायत आएगी तब ही कैबिन से बाहर आएंगे। ऐसे में किस तरह परिवहन कार्यालय का काम होता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ओबरलोड ट्रकों के बारे में पूछने पर उससे बचने के लिए एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ाते नजर आते हैं पीटीओ एआरटीओ को दोषी बनाएंगे और ए आर टी ओ ,आर आई को यह स्थिति परिवहन विभाग के अधिकारियों की है अंत में यह कहा जाता है कि कार्यवाही की जा रही है। नवीन तैनाती पीटीओ विवेक सिंह के पाने के पश्चात ओवरलोड वाहनों पर चाबुक करना शुरू किया जिससे वाहन मालिकों में खलबली मच गई थी। मोटर मालिकों के यूनियन के मिलने के पश्चात अचानक शांत होना अपने आप में एक अहम सवाल है।

और उसके पश्चात पीटीओ विवेक सिंह ने अंबेडकर नगर में ट्रकों को खुली छूट दे रखी है।
जिलेभर में रसूखदारों के वाहन सड़कों को छलनी कर रहे हैं। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी रसूखदारों के ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। अंबेडकर नगर जनपद में इन वाहनों का तांडव देखते ही बनता है। जबकि हकीकत दो-चार ट्रकों को पकड़ कर चालान करने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों से जुर्माना की रसीद कटवा कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं। वही इस मार्ग से रोजाना छोटे- बड़े करीब चार सौ से अधिक ओवरलोड वाहन गुजरते हैं। इससे पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को तो लाखों रुपए की आमदनी होती हैं। लेकिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा हैं।
यह समझ से परे है परिवहन विभाग द्वारा इस प्रकार कार्रवाई नहीं किए जाने से पूरे मामले में भ्रष्टाचार की बू आने लगी।इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारी ओवरलोड गाड़ी गाड़ियों से प्रति गाड़ी ₹5000 की वसूली हुई कर रहे हैं जिसके कारण विभाग द्वारा आंख मूंद कर अवैध परिवहन की इजाजत दी जाती है।

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