Agra News: शर्मनाक: माँ ने ही बेटियों को दर दर की ठोकरें खाने को किया मजबूर
बेटियों ने पुलिस अधीक्षक से लगायी न्याय की गुहार

संवाद जनवाद टाइम्स न्यूज
बाह: ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब माँ बाप ही बेटियों के भविष्य को बर्बाद कर उन्हें दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दें लेकिन हाल ही में ऐसा वाकया कस्बा के एक मोहल्ले में देखने को मिला जब सगी माँ ने ही पति की मौत के बाद अपनी चार बेटियों के भविष्य को ताक पर रखकर अपने मकान को धोखे से कस्बा के ही एक व्यक्ति को बेच दिया जबकि उसकी एक बेटी इस मकान में अपने दो छोटे बच्चों के साथ इसमें वर्षों से रह रही है। हैरानी की बात तो यह है कि इस मकान का मामला पिछले 21 सितंबर 2020 से बटवारे के विवाद में कोर्ट में चल रहा है फिर भी इसका बैनामा तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत से 20 जून 2022 को हो गया। पीड़िता को इसका पता चला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी। उसने धोखे से बेचे गए मकान के बैनामे को निरस्त कराने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार कस्बा के मोहल्ला गंज निवासी डिम्पल पुत्री दीनदयाल का आरोप है कि वर्षो पहले उसके पिता ने मोहल्ला गंज में एक मकान उसकी मां उषा देवी के नाम खरीदा था। वे पांच बहने हैं जबकि उनका कोई भाई नहीं है। उसकी मां तकरीबन 12 वर्ष पूर्व छोटी बहन को अपने साथ लेकर घर छोड़कर चली गयी और फिर वापस नहीं आयी। उसके पिता उसके व बड़ी बहन दीपा के साथ रहते थे जिनकी पिछले दिनों 9 जनवरी 2022 को मौत हो गयी । पिता की मौत के बाद उसकी माँ फिर बाह आ गयी और एक सोची समझी साजिश के तहत उक्त मकान को औने पौने दाम में दलाल के माध्यम से बिजौली निवासी महिला कस्तूरी देवी पत्नी शंकर सिंह को बेच दिया। इसकी जानकारी उसे 4 जुलाई को हुई जब कस्तूरी देवी अपने सहयोगियों के साथ उक्त मकान को खाली कराने के लिए पहुँची। पीड़ित महिला का आरोप है कि वह अपने दो छोटे छोटे बच्चों के साथ इस मकान में अपने पति से अलगाव के बाद से ही रह रही है और मरने से पहले उसके पिता भी इसी मकान में उसके साथ रहते थे। इस मकान पर उसका व उसकी बहनों का कानूनी हक व कब्जा है। लेकिन उसकी सगी मां ने इसे धोखे से बेचकर बेटियों के हक को मार रही है और उनका भविष्य बर्बाद कर रही है।
पीड़ित महिला ने सक्षम अधिकारियों से अपने व बच्चों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाने के लिए बैनामे को निरस्त करने की गुहार लगाई है।