Agra News- जनकपुरी में मृदंग मंजीरों पर हरिनाम संकीर्तन पर खूब झूमें भक्तजन

संवाददाता मुस्कान सिंह आजाद
आगरा : श्रीजगन्नाथ मंदिर कमला नगर (इस्कॉन) द्लारा आज जनकपुरी मंच पर हरिनाम संकीर्तन गूंजा। कार्यक्रम का शुभारम्भ गणेश स्तुति के साथ हुआ।
इस्कॉन से जुड़े विद्यार्थियों ने श्रीराम चंद्र… भजन पर नृत्य कर सबी श्रद्धालुओं को भक्ति के सागर में डुबे दिया। इसके उपरान्त मृदंग व मंजीरों के भक्तिमय संगीत पर हरे राम, हरे कृष्णा…, संकीर्तन हुआ। संकीर्तन पर हर जनकपुरी में मौजूद स्रद्धालुओं ने सिर्फ अपने स्वरों का साथ दिया बल्कि खूब नृत्य कर श्रीहरि की भक्ति का आनन्द भी लिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सचिन, हरिदास, साश्वत नंदलाल दास, सखा निताई दास, अदिति गौरांगी देवी, रुचि शर्मा आदि ने मुख्य रूप से संकीर्तन में भाग लिया।
प्रभु जी मेरे अवगुण चित न धरो…
राजा राम चले ले संग सिय को…
जनकपुरी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भक्तिमय प्रस्तुतियों ने दर्शकों भक्ति के सागर में डुबोया,
आगरा। जनकपुरी मंच पर भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने हर भक्त को भक्ति के सागर में डुबकी लगवाई। न सिर्फ मंच पर बैटे दर्शक बल्कि जनकपुरी महोत्सव में भ्रमण करते भक्त भी मंच पर आयोजित भक्तिमय स्वरलहरियों पर झूमते गाते नजर आए। वहीं जनकदुलारी सीता की विदाई की प्रस्तुति ने सभी श्रद्धालुओं की आंखों को नम कर दिया।
जनक मंच पर होने वाले उत्सव कार्यक्रमों में डॉक्टर मंजरी शुक्ला टी-सीरीज के कलाकारों द्वारा गणेश वंदना, रघुकुल नंदन श्री राम वंदना के साथ शुभारंभ हुआ। मुकेश शुक्ला एवं अन्य साथी कलाकारों के द्वारा भजन स्तुतियां, दीपक डांस अकैडमी एवं डॉक्टर नमिता डांस ग्रुप एवं शारदा ग्रुप के कलाकारों द्वारा स्तुति नृत्य भजन नृत्य आदि की प्रस्तुतियां दी गईं। पायोजी मैंने राम रतन धन पायो…, आज बजे हैं बधाई जनक मोरे राजा…, झुक जइयो तनिक रघुवीर सिया मेरी छोटी सी…., आज तो बधाई बजे जनक महल में…, मनोहर रसमई झांकी हमारे राम सीता की, खुशियों के खुल गए द्वार, श्री राम जी के आने से…, प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो, भजन संध्या कीर्तन राम-मय जनक महल प्रांगण मै इन प्रस्तुतियों के द्वारा एवं अंत में विदाई गीत राजा राम चले संग ले सिय को प्राण प्यारी, अब कैसे जिए नर नारी की प्रस्तुति ने सभी की खों को नम कर दिया। नृत्य नाटिका मेरे घर राम आए हैं… व बन्ना बन्नी की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं की खूब तालियां बटोरी। श्री रामचंद्र कृपालु भजमन…, रघुकुल रीति सदा चल आई…. भनों की प्र्सतुतियां भी दी गईं।