अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाया गया

ब्यूरो संवाददाता
मधेपुरा: स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रोफेसर (डॉ) नरेश कुमार ने कहा कि शिक्षा ही हमें सही अर्थों में मानव बनाती है सही व्यवहार से ही राम वन गमन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाए।
उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को डिग्रियां प्राप्त करने की बजाय शिक्षित बनने पर जोर देना चाहिए यदि आप शिक्षित हैं तो आप स्वयं का समाज का तथा राष्ट्र का निर्माण करने में महती भूमिका अदा करते हैं उन्होंने कहा की जब व्यक्ति कठिन परिश्रम करता है तो उसे कई झंझा भूतों का सामना भी करना पड़ता है अतः ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सहज स्वभाव से उन समस्याओं का समाधान सोचना चाहिए यदि व्यक्ति ऐसा करता है तो वह व्यक्ति समाज के लिए आदर्श बन जाता है विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूपेश कुमार ने उपस्थित समस्त विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों का जीवन में पालन करने पर बल दिया।
बी0 एड0 के विभागाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार ने कहा कि शिक्षा ही जीवन का मूल मंत्र है। बिना शिक्षा के मनुष्य पशु के समान होता है तथा वह है नैतिक और अनैतिक में विभेद नहीं कर पाता है, कार्यक्रम में प्रोफेसर डाॅ चंद्रधारी यादव, डॉ शिवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ राजेश कुमार, डॉ राम सिंह यादव, डॉ वीर बहादुर यादव, डॉ सर्जुन कुमार, श्रीमती रुचि सुमन, श्री राबिन्स कुमार, डॉ माधुरी कुमारी, मो0 तौकीर आलम, श्री संतोष कुमार, डॉ रूपा कुमारी, डॉ अंजू प्रभा आदि शिक्षकों की गरिमामय उपस्थिति रही तथा कार्यक्रम का संचालन B.Ed. प्रथम वर्ष की छात्रा दीपशिखा ने किया जबकि कार्यक्रम में B.Ed एवं M.Ed के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।