Agra News: झोलाछाप ने प्रसूता का जबरन किया ऑपरेशन नवजात की हुई मौत महिला की हालत चिंताजनक

संवाद जनवाद टाइम्स न्यूज़
बाह: कस्बा बाह में एक अवैध हॉस्पिटल में झोलाछाप द्वारा प्रसूता का जबरन डिलीवरी के लिए ऑपरेशन किया गया।डिलेवरी के बाद नवजात की मौत हो गई वही प्रसूता की हालत चिंताजनक है।प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना बाह क्षेत्र के अंतर्गत मढ़ेपुरा निवासी रामलाल अपनी पत्नी रजनी देवी को डिलीवरी कराने के लिए 6 सितंबर को गांव की आशा सीमा देवी के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह में लेकर आया था लेकिन आशा ने कमीशन के चलते प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने के स्थान पर कस्बे के ही एक झोलाछाप के अस्पताल मां वैष्णवी देवी में बहला-फुसलाकर भर्ती करा दिया जहां हॉस्पिटल के झोलाछाप द्वारा प्रसूता का जबरन ऑपरेशन कर डिलेवरी की गयी।
डिलेवरी के दौरान प्रसूता की बच्चे दानी भी निकाल दी गयी। ऑपरेशन के बाद नवजात की मौत हो गई वहीं प्रसूता महिला की हालत गंभीर होने पर झोलाछाप ने उसे आगरा के निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद हाथ खड़े कर दिए और प्रसूता को वापस घर भेज दिया।परिजनो ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह में भर्ती कराया है
जहां वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है। महिला के पति रामलाल के मुताबिक वह अपनी पत्नी को डिलेवरी कराने के लिए सरकारी अस्पताल में लेकर आया था लेकिन गावँ की आशा ने उसे बहला फुसलाकर कस्बा के ही अवैध अस्पताल माँ वैष्णवी अस्पताल में कमीशन के लालच में एडमिट करा दिया जहाँ झोलाछाप द्वारा उसकी पत्नी का जबरन ऑपरेशन कर दिया गया और ऑपरेशन में उसकी पत्नी की बच्चेदानी भी निकाल दी ऑपरेशन के दौरान ही पेट और किडनी की कई नसें काट दी ।
जिससे उसकी हालत चिंताजनक है। वहीं नवजात की मरा हुआ बता कर उसके बच्चे का चेहरा भी नहीं दिखाया गया। मरीज एडमिट करते समय झोलाछाप ने उससे बीस हजार रुपये जमा करा लिए और ऑपरेशन के बाद पचास हजार की मांग की।ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ने पर वह अपनी पत्नी को लेकर आगरा के एक निजी अस्पताल में पहुंचा जहां डॉक्टरों ने महिला की हालत को देखकर घर के लिए वापस भेज दिया।
अधीक्षक ने कहा झोलाछाप पर होगी कार्यवाही
वही स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से इस संबंध में जब बात की गई तो उन्होंने बताया कस्बे में झोलाछाप के द्वारा ऑपरेशन किए जाने और नवजात की मौत की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके बाद इस अवैध अस्पताल पर छापा मारकर कार्रवाई की गई तथा वहां मिले स्टाफ से संबंधित कागज दिखाने के लिए कहा।
अस्पताल में कोई भी चिकित्सक,सर्जन मौजूद नहीं था। अस्पताल में सीलिंग की कार्रवाई की गई है।
कस्बा में कुकुरमुत्ते की तरह खुले हैं अवैध अस्पताल,नहीं होती ठोस कार्यवाही
कस्बा में इन दिनों अस्पतालों की बाढ़ आ गयी है गली मोहल्लों में अस्पताल संचालित हो रहे हैं।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को देने का प्रचार प्रसार करने वाले इन झोलाछापों के यहाँ ओपीडी सेवाओं से लेकर ऑपरेशन तक किये जाते हैं लेकिन इन अस्पतालों में न तो सर्जन हैं और न ही फिजीशियन जबकि बोर्डों पर बड़े बड़े एम बी बी एस और एम डी की तैनाती के साथ रजिस्ट्रेशन नंबर का भी जिक्र दिखता है जबकि धरातल पर स्थित उलट है।
बोर्ड पर लिखा था एम डी जबकि निकला इंटर पास
छापा मारकर सील किए गए माँ वैष्णवी अस्पताल में बोर्ड पर डॉ अजीत बघेल बी ए एम एस जबकि संतोष कुमार एम डी लिखा था ।
जब जाँच टीम ने अस्पताल में मौजूद संतोष कुमार से डिग्री दिखाने को कहा तो वह अपने आप को इंटर पास बताने लगा जबकि अजीत बघेल अस्पताल में ही नहीं थे।
बड़ी मात्रा में बरामद हुआ दवाओं का जखीरा
अस्पताल के बेसमेंट में ऑपरेशन थियेटर के बगल में दवाओं का जखीरा बरामद हुआ जिसमें एबोर्शन से लेकर अन्य दवाएं भरी हुई थीं।
दवाओं को स्टॉक करने व बेचने से संबंधित कोई कागज नहीं थे।