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भविष्य तुम्ही हो

 

संवाददाता मुस्कान सिंह आजाद

नन्हें- नन्हें कदमों से जब तुम पढने आते हो, विद्यालय की गरिमा को फूलों सा महकाते हो। सूने आँगन को करती रोशन, चिड़ियों सी चहक तुम्ही हो। भोली सी सूरत के पीछे शरारती रहस्य तुम्ही हो कभी इधर फुदक, कभी उधर फुदक लगता जैसे…. अदृश्य तुम्ही हो ।you are the future

इस अनंत आकाश का उड़ता सा विहग तुम्ही हो, इस प्यारे से संसार का एक नन्हा सा सदस्य तुम्ही हो।

जो हर बाधाओं से लड़ जायेगा, लड़कर जो निखरता जायेगा। जो देश का मान बढाएगा, झंडे की शान बढाएगा…

इस देश का गौरव अवश्य तुम्ही हो ।you are the future

कभी न रुकना चलते जाना, जीवन को यूं सफल बनाना, क्यूंकि मेरे देश का भविष्य…. तुम्ही हो। मेरे भारत का भविष्य तुम्ही हो ||

नमृता सिंह

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