Etawah News: जसवंतनगर में लॉक डाउन को लोगों ने मजाक बनाया, भीड़ नियंत्रण के कानून तार तार

संवाददााता आशीष कुमार
इटावा/जसवंतनगर: नगर में लॉक डाउन मजाक बन गया है। मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग , धारा 144, भीड़भाड़ पर नियंत्रण जैसे कानूनों को लोगों ने बलाये ताक रखकर उन्हें तार तार कर दिया है।बुधवार को यहां के बाजारों में उमड़ी भीड़ जता रही थी कि कोरोना महामारी उनके लिए कोई मायने रखती। लोगों में आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी की ललक इस कदर हावी देखी गयी कि जैसे ये वस्तुएं बाजारों से भविष्य में नापैद हो जाएगी। कोरोना गाइड लाइन के यहां ध्वस्त होने के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक ही था।
बाजारों के 8 से 11 खुलने की वजह से लोग बुरी तरह यहां सदर बाजार, पालिका बाजार, सब्जी मंडी ,पसरटे(होमगंज, गुड़मंडी) आदि में टूट पड़े थे। हर 10 लोगों में 5-6 मास्क नहीं लगाये थे। शारीरिक दूरी का पालन तो छोड़िए लोग एक दूसरे को धकियाते दुकानों पर चढ़े दिख रहे थे। यह स्थिति वावजूद इस स्थिति के चलते थी कि क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में तेजी से वृद्धि हो रही है। मालूम हो कि जसवंतनगर के बाजारों में 70से 80 प्रतिशत तक लोग गांवों से खरीददारी करने के लिए आते हैं एक तरफ बाजार की यह हालत है तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र में लगातार कोरोना की स्थिति विस्फोटक बनती जा रही है। कोरोना पॉजिटिव की जो जांच लिस्ट इन दिनों आ रही है , उनमें 90 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों के ही संक्रमित निकल रहे है। महामई जैसे एक गांव को ही लें ,जिसमे मंगलवार तक कुल17 कोरोना पॉजिटिव निकले थे, वहां 3 की मौत भी हो चुकी। फिर भी वहां संक्रमन के बुधवार को 8 और केस निकले, जो जसवंतनगर इलाके में बुधवार की निकले 15 मामलों के आधे से ज्यादा थे। अब तक जसवंतनगर इलाके के जिन गांवों महामई,बिबामऊ, नगला तौर, जनकपुर, ढूढहा,परसौआ, कुरसैना, भाईसाब अजनौरा, जसोहन, सिसहाट, दुर्गापुरा, विलासपुरा, नागरी में कोरोना संक्रमण के संक्रमित निकले हैं, इन गांवों के लोग जसवंतनगर बाजार में खरीद फरोख्त करने आते हैं।
लोग तो लापरवाह हैं ही, दुकानदार भी सहालग के इस मौसम में आंधी के आम बीनने और अपनी जान जोखिम में डालने से बाज नही आ रहे। कपड़ा, सराफा, जनरल मर्चेंट वाले तो शटर बन्द किये ग्राहकों को भीतर बैठा बिक्री में मशगूल देखे जा सकते हैं,जिससे संक्रमण बढ़ने की आशंका और भी ज्यादा है। वुधवार को बाजारों में इसकी पड़ताल की गई तो खमियाँ ही खामियां नजर आई। बाजार में सोशल डिस्टेंस नाम की कोई चीज देखने को नहीं मिली। रास्ते से गुजरने वाले वाहनों पर भी बिना मास्क के एक दूसरे से सटकर लोग बैठे हुए दिखे, जो इस महामारी के दौर में कैसे भी सही नहीं है। दूसरों को भी जान को जोखिम में डालने वाला कार्य ही कहा जाएगा ।
संक्रमण की चेन तोड़ने के प्रयासों पर फेरा जा रहा पानी
जिला प्रशासन ने संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए 11 बजे तक बाजार बंद करने का निर्देश दिए हैं। कर्फ्यू के दौरान अनावश्यक बाहर निकले लोगों पर पुलिस सख्ती नहीं बरत रही है। लेकिन वुधवार को बाजार में भीड़ देखने को मिली। सार्वजनिक स्थान पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा है,
लापरवाही का नतीजा है क्षेत्र में कोरोना विस्फोट
गाइडलाइन के तहत बाजार को बंद कर देना है। जिसके तहत लोग दोपहर में ही खरीदारी करने में जुटे हुए थे। लेकिन लोगों के साथ-साथ स्थानीय दुकानदारों के द्वारा भी किसी तरह का एहतियात नहीं बरता जा रहा है। हालांकि, प्रशासन के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं, जिससे खरीददारों और दुकान दारों में भगदड़ मचती। मगर लोग मानने को तैयार नहीं हैं। दुकानों में बिना मास्क के ग्राहक दिख रहे हैं। इसके अलावा न तो सेनेटाइजर की व्यवस्था है और न ही सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था की गई है।