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Mahakumbha Nagar Prayagraj News : फ्रांसीसी कलमकार व पूर्व यूएन पार्लियामेंटेरियन हर्वे जुविन ने महाकुम्भ में आयोजित ग्लोबल कुम्भ समिट में की शिरकत, मानवता के सबसे बड़े समागम में आकर खुद को माना धन्य

रिपोर्ट विजय कुमार

महाकुंभ नगर : महाकुम्भ-2025 मानवता के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े आयोजन के तौर पर तो प्रचलित है ही, प्रकृति-पर्यावरण और मानवीय उन्नति के लिए विमर्श का भी एक सकारात्मक माध्यम बनकर उभर रहा है। महाकुम्भ मेला क्षेत्र के अंतर्गत आयोजित ग्लोबल कुम्भ समिट में शनिवार को देश-दुनिया के दिग्गज विचारकों द्वारा अपने संवाद से लोगों को सकारात्मक संदेश देने का प्रयास तो जारी है ही, मगर यहां हो रहा विमर्श सकल विश्व के कल्याण का भी प्रयोजन सिद्ध करेगा ऐसा दिग्गजों का मानना है।

Mahakumbha Nagar Prayagraj News: French writer and former UN parliamentarian Hervé Juvin participated in the Global Kumbh Summit organized at Mahakumbh, considered himself blessed to be present at the largest gathering of humanity

इसी क्रम में, फ्रांसीसी कलमकार व पूर्व यूएन पार्लियामेंटेरियन हर्वे जुविन ने महाकुम्भ को लेकर बड़ी बात कही। उनका कहना है कि प्रकृति, वायु, जल और अंतरिक्ष के साथ ही मानवीय मूल्यों और धरती के संरक्षण की दिशा में भी महाकुम्भ महासमागम का व्यापक योगदान है। वहीं, एक अन्य फ्रेंच पर्यटक डोमिनिक के अनुसार, महाकुम्भ ब्रह्मांडीय सद्भाव को खुद में आत्मसात करना एक अविस्मरणीय क्षण है। गोवर्धन ईको विलेज के प्रतिनिधि मोहन विलास दास के अनुसार सनातन से सकल विश्व पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने के साथ ही बहुत कुछ सीख सकता है और निश्चित तौर पर महाकुम्भ इस दिशा में सहायक सिद्ध हो रहा है।Mahakumbha Nagar Prayagraj News: French writer and former UN parliamentarian Hervé Juvin participated in the Global Kumbh Summit organized at Mahakumbh, considered himself blessed to be present at the largest gathering of humanity

*प्रकृति से बढ़कर आनंददायी कुछ नहीः हर्वे जुविन*
द इंडिया फाउंडेशन के निमंत्रण पर महाकुम्भ मेला 2025 में आए फ्रांसीसी कलमकार व पूर्व यूएन पार्लियामेंटेरियन हर्वे जुविन इंटरनेशनल लोकलिस्ट मूवमेंट के प्रेसीडेंट भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति, वायु, जल और अंतरिक्ष मानवता से जुड़कर बेहतर तौर पर जीवन जीने का तरीका सिखाती है, निश्चित तौर पर महाकुम्भ भी एक ऐसा ही क्षण है। उन्होंने कहा कि मानवता के इस सबसे बड़े समागम का हर क्षण विशिष्ट है, ऐसे में यहां की सकारात्मकता का संचार सकल विश्व में होना चाहिए। कुम्भ ग्लोबल समिट में मानवता के सबसे महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श हो रहा है। यह डेवलपमेंट, प्रोग्रेस और सस्टेनेबिलिटी को लेकर एक मार्ग प्रशस्त करने वाला विमर्श है जहां पर्यावरण संरक्षण के मूल्यों पर भी चर्चा हो रही है। हमें अपने जीवन को आनंदपूर्वक जीना चाहिए और आनंद की अनुभूति प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से बढ़कर भला कौन दे सकता है, इसलिए आनंदपूर्वक जीवनयापन के लिए प्रकृति से जुड़कर हमें उसके विभिन्न पहलुओं का समर्थन-संरक्षण करना होगा।

*डोमिनिक बोलीं, मेरे जीवन का सबसे बड़ा क्षण है महाकुम्भ-2025*
फ्रेंच पर्यटक डोमिनिक ने कहा कि निश्चित तौर पर मेरे जीवन का सबसे बड़ा क्षण महाकुम्भ मेले का हिस्सा बनना है। यह अद्भुत है, अकल्पनीय है और अतुलनीय है। महाकुम्भ के जरिए ब्रह्मांडीय सद्भाव को खुद में आत्मसात करना अविस्मरणीय अनुभूति है और यही कारण है कि महाकुम्भ मानव कल्याण के लिए व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर व्यापक भूमिका का निर्वहन कर रहा है। करोड़ों लोग एक आस्था की डोर में बंधे यहां आ रहे हैं जो धर्म की खूबसूरती को दर्शाने के साथ ही एकता का संदेश भी देता है।Mahakumbha Nagar Prayagraj News: French writer and former UN parliamentarian Hervé Juvin participated in the Global Kumbh Summit organized at Mahakumbh, considered himself blessed to be present at the largest gathering of humanity

*सनातन से बहुत कुछ सीख सकता है सकल विश्व*
ग्लोबल कुम्भ समिट में मुंबई के पालघर स्थित गोवर्धन ईको विलेज के प्रतिनिधि मोहन विलास दास ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि सनातन से सकल विश्व पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने के साथ ही बहुत कुछ सीख सकता है और निश्चित तौर पर महाकुम्भ इस दिशा में सहायक सिद्ध हो रहा है। उनके अनुसार, पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने के सस्टेनेबल तरीकों को समझने की दिशा में भारत अग्रदूत साबित हो सकता है। हमारी संस्कृति में प्रकृति की पूजा निहित है जो न केवल प्रकृति को सम्मान देने के भाव को दर्शाती है बल्कि उसके संरक्षण में भी भूमिका निभाती है। यही सनातन वैदिक संस्कृति हमें सिखाती है और यह प्रसन्नता की बात है कि महाकुम्भ के जरिए अब इस भाव का सकल विश्व साक्षात्कार कर इसे खुद में आत्मसात कर रहा है।

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जनवाद टाइम्स