Karnataka News: जाने-माने साहित्यकार डॉ. सिद्ध लिंगैया का कोरोना से निधन

संवाददाता-सुनील कांंबले
चर्चित साहित्यकार डॉ. सिद्धलिंगैया पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे।उनका इलाज मणिपाल अस्पताल में चल रहा था।जहा पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई ।
सिद्धलिंगैया कन्नड़ के चर्चित लेखकों में से एक थे । दलित कवि के रूप में लोकप्रिय सिद्धलिंगैया ने दलित संघर्ष और सामाजिक समानता के लिए कविता की रचना की। कविता, नाटक, निबंध, आलोचना, शोध, आत्मकथा की विधाओं में उन्होंने अपनी लेखनी चलाई । वह हाउस ऑफ कॉमन्स के दो बार सदस्य भी रह चुके थे। राजनीति एवम समाजसेवा के साथ साथ अध्यापन एवम लेखन जैसे से महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े थे। ऊंचाई वाली जगह से देखना,जूस के लिए
बाएं,उरीकंदाय।
लेखों का संकलन
अवतारों सिद्धलिंगैया सदन का हिस्सा,
नाटकों
व्यक्तित्व ऊपर का स्तर
पंचम ,
काव्य संकलन
गुंडों का गीत जुलूस,
हजारों नदियाँ ,काला जंगल ,
चयनित कविताएं
Po माई पीपल एंड अदर पोएम्स इज कंटेम्पररी ,कन्नड़ पोएट्री
सम्मान और पुरस्कार
अच्छी फिल्म गीतकार
कर्नाटक राज मॉडरेशन काउंसिल के 2 सदस्य।
संदेश पुरस्कार,डॉ अम्बेडकर पुरस्कार,
सत्यकाम फाउंडेशन अवार्ड ,बाबूजगजीवनरम पुरस्कार,नादोजा पुरस्कार,
प्रेसीडेंसी दीक्षा पुरस्कारऔर अलवास प्ले अवार्ड ,श्रवण बेलगोला में आयोजित 81वें कन्नड़ साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष। नृपतुंगा पुरस्कार पम्पा पुरस्कार आदि अन्य पुरस्कारों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।