Etawah News : जांच को भेजे गए शेरों के ब्लड सैम्पल- लायन सफारी

मनोज कुमार राजौरिया इटावा: लॉयन सफारी के सभी शेरों के ब्लड सैम्पल लेकर जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं। हालांकि फिलहाल यह सभी शेर स्वस्थ हैं फिर भी सफारी प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए सभी शेरों के ब्लड सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। इनमें बवेशिया के साथ ही कैनाइन डिस्टेम्पर की भी जांच कराई जाएगी। पिछले दिनों जूनागढ़ में बवेसियासिस बीमारी ने शेरों को अपनी चपेट में ले लिया और इसके चलते 23 शेरों की मौत हो गई। इसके बाद सफारी प्रशासन ने इटावा लॉयन सफारी में मौजूद सभी 16 शेर शेरनी और शावकों की टेस्टिंग कराने का निर्णय लिया और इनके ब्लड सैम्पल भी भेज दिए गए। डिप्टी डायरेक्टर सुरेश चन्द राजपूत ने बताया कि इंडियन वैटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली में इन ब्लड सैम्पल की जांच होगी और वहां से रिपोर्ट आ जाएगी। उन्होने बताया कि फिलहाल सभी शेर स्वस्थ हैं लेकिन सतर्कता बरतते हुए टेस्टिंग कराई गई है। उन्होने बताया कि सफारी के वन्यजीवों के पास किसी को जाने की अनुमति नहीं है। कोरोना संक्रमण को लेकर सीजेडए तथा शासन की ओर से जो निर्देश जारी किए गए हैं उनका पूरा पालन किया जा रहा है। सफारी के मुख्य गेट पर ही टायर बाथ व सेनेटाइजेशन की व्यवस्था है। सफारी को वायरस प्रूफ बनाया गया है।
★ एक रक्त संक्रमण है बवेसियोसिस
बवेसियासिस बीमारी एक संक्रमण है। यह शेरों की लाल रक्त कणिकाओं में इंफेक्शन की वजह से हो जाती है। इसमें शेरों को काफी तेज बुखार आता है और उनकी मौत भी हो जाती है। सफारी के डा. गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि खास बात है कि यह बीमारी छूने से नहीं होती और इसका उपचार भी संभव है। ज्यादातर जंगलों में खुले में रहने वाले शेरों को यह बीमारी हो जाती है और उनका उपचार भी नहीं हो पाता लेकिन सफारी में इस तरह का संक्रमण होने की आशंका नगण्य है फिर भी सतर्कता बरतते हुए ब्लड टेस्ट कराया जा रहा है।
★ सफारी में भी जूनागढ़ से आए हैं सात शेर
सफारी में गुजरात के जूनागढ़ से ही सात शेरों को इटावा सफारी में लाया गया है। अच्छी बात यह है कि इन्हे 26 सितम्बर को सफारी में लाया गया था और जूनागढ़ में बवेशिया बीमारी इन्हे लाए जाने के 6 माह बाद अप्रैल के अंतिम दिनों में आई। फिर भी सफारी प्रशासन ने सभी की टैस्टिंग करवाई है। जूनागढ़ से आई शेरनी जेनिफर ने ही 15 अप्रैल को एक शावक को जन्म दिया है।