डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार

सुनील पांडेय : कार्यकारी संपादक
दुनिया के तेल उत्पादक देशों में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद डीजल पेट्रोल के दाम विगत 19 दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक लगभग 10 रुपए से अधिक डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो चुकी है।

भारत में पेट्रोल के दामों से डीजल के दाम हमेशा कम रहे हैं ,लेकिन अब डीजल का दाम पेट्रोल से आगे निकल चुका है। भारत एक कृषि प्रधान देश है यहांकी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। कृषि कार्य के अंतर्गत अनाज की ढुलाई , खेतों की सिंचाई एवं जुताई में डीजल की अधिक खपत होती है । इतना ही नहीं भारत में डीजल से चलने वाली चार पहिया वाहनों अथवा कारों को खरीदने में लोग अधिक रुचि रखते हैं। डीजल के दामों में विगत कुछ दिनों में हुई इस लगातार बढ़ोतरी के चलते लोगों का चार पहिया वाहनों अथवा डीजल कारों को लेने से अवश्य मोहभंग होगा । इसके कारण भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों अथवा कारों की बिक्री में गिरावट निश्चित ही आएगी। जिसके परिणाम स्वरूप डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों अथवा कार निर्माता कंपनियों का घाटा होना लगभग तय है। जिस तरह डीजल एवं पेट्रोल के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है इससे तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (बैटरी चलित वाहनों) का उत्पादन अधिक होगा । ई- बाइक ,ई-कार एवं ई-बसों का भविष्य में अधिक निर्माण होना लगभग तय है । दुनिया में तेल भंडार भी सीमित है अतः इसको देखते हुए ई -वाहन एवं सोलर वाहन के निर्माण पर हमें अधिक ध्यान देना होगा । कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते भारत में लॉकडाउन के बाद लोगों की आमदनी में लगातार कमी आई है। आज कोई भी वर्ग ऐसा नहीं है जो इस महामारी के चलते प्रभावित ना हुआ हो। खासकर निम्न वर्ग पर सर्वाधिक असर हुआ है ।इन्हें 2 जून की रोटी का जुगाड़ करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। डीजल के दाम बढ़ने से सभी तरह के सामानों को दाम बढ़ना लगभग तय है और कुछ सामानों के दाम बढ़ भी गए हैं। डीजल के दाम बढ़ने से परिवहन भाड़ा बढा़ है ।अभी तक लगभग 20 प्रतिशत तक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों ने ट्रक भाड़ा भी बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं डीजल के दाम बढ़ने से खेती की सिंचाई एवं ट्रैक्टर की जुताई में भी वृद्ध होना तय है। किसान पहले से ही इस महामारी के चलते बेहाल है। अब उस पर दोहरी मार पड़ने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी के बाद भी रेलवे फिलहाल अपना माल भाड़ा नहीं बढ़ाएगा। रेल अधिकारियों से जब इस बात की जानकारी ली गई तो उनका कहना था रेलवे बोर्ड पर माल भडा़ बढ़ाने का निर्णय छोड़ा गया है। अभी तक जो संकेत मिले हैं उससे रेलवे बोर्ड द्वारा माल भाडा़ बढ़ाने संबंधी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यदि आकलन करें तो भारत में अब तक डीजल का दाम पेट्रोल से हमेशा कम रहा है ,लेकिन दुनिया के लगभग 126 देशों में डीजल ,पेट्रोल से अधिक महंगा है ।इनमें प्रमुख रूप से रूस, पाकिस्तान, जर्मनी और हांगकांग में डीजल के दाम पेट्रोल से अधिक हैं। भारत में इस तीसरे हफ्ते में दिल्ली में डीजल 80 रुपए तथा पेट्रोल 79 रुपए 92 पैसे प्रति लीटर है। डीजल में बीते 2 हफ्ते से अधिक दिनों में 10 रुपए (लगभग 10 रुपए 63 पैसे )से ज्यादा दाम मैं बढ़ोतरी हुई है। हाल ही के कुछ वर्षों में भारत सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल के दामों में बढ़ोतरी अथवा कमी करने का अधिकार तेल कंपनियों पर छोड़ दिया है। वर्तमान समय इस वैश्विक महामारी को देखते हुए सरकार को डीजल एवं पेट्रोल की इस बढ़ती कीमत पर हस्तक्षेप अवश्य करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से महंगाई पर कुछ अंकुश अवश्य लगेगा। तेल के दामों में इस बेतहाशा वृद्धि से सभी क्षेत्रों में महंगाई बढ़ेगी ।कोरोना जैसी इस वैश्विक महामारी का यदि सबसे ज्यादा यदि किसी पर असर पड़ेगा तो वह मध्यम एवं निम्न वर्ग है जो पहले से ही बेहाल है ।