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Bihar news वीटीआर जंगल से कैमूर अभ्यारण्य भेजे जाएंगे कुछ बाघ सरकार को भेजा जा रहा है प्रस्ताव

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

वीटीआर में लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है । जिसके वजह से वीटीआर का क्षेत्र यहां के बाघों के लिए कम पड़ने लगा है। बताते चलें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व 900 वर्गकिलोमीटर एरिया में फैला हुआ है। लेकिन 900 वर्गकिलोमीटर में फैले वीटीआर में 270.58 वर्ग किलोमीटर ही पर्यटन जोन निर्धारित है। कोई भी पर्यटकीय गतिविधियां इसी सीमा तक मान्य हैं। इसके बाद कोर एरिया आ जाता है। इसका क्षेत्रफल 589.79 वर्ग किलोमीटर है। कोर एरिया बाघों के लिए अनुकूल होता है। खासतौर से हिरण, चितल, सांभर जैसा वन्य प्राणी तो काफी शांतप्रिय होते हैं। जिसके कारण यह कोर एरिया को ज्यादा पसंद करते हैं। इसलिए ज्यादातर बाघ अपना कोर एरिया में ही अपना बास सुनिश्चित करते हैं । ऐसे में वीटीआर में 50 से कम ही बाघों की रखने की क्षमता है। बाघों की संख्या जैसे ही 50 से पार होगा। बाघों के बीच आपसी संघर्ष और बढ़ जाएगी। मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय ने बताया कि वाल्मिकी टाइगर रिजर्व का जितना कैटरिंग क्षमता था उतनी बाघों की संख्या पहुंच चुकी है। इसे लेकर केंद्र व राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने कि तैयारी की जा रही है।

कैमूर भेजे जा सकते हैं वीटीआर के बाघ

 

मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय ने बताया कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर में 3 मार्च और 4 मार्च को बैठक होना है। इस बैठक में वन संरक्षक भाग लेंगे। पहले से एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव तीन बिंदुओं पर रखा जाएगा। जिसमें कैटरिंग क्षमता, स्पेशियस डिस्ट्रीब्यूशन व वैज्ञानिक अध्ययन को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि बाघो के लिए वीटीआर में जितना कैरिंग क्षमता बनाया गया था। उतने बाघों की संख्या पहुंच चुकी है। बतादें की बिहार में सरकार कैमूर को डेवलप कर रही है। ऐसे में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से नए बाघों को भी कैमूर भेजा जा सकता है। लेकिन इसके लिए पहले हर बिंदुओं पर गहनता से अध्ययन कराया जाएगा।

टेरेटरी को लेकर आपसी संघर्ष में मारे जाते है बाघ

 

Bihar news वीटीआर जंगल से कैमूर अभ्यारण्य भेजे जाएंगे कुछ बाघ सरकार को भेजा जा रहा है प्रस्ताव

 

हेमकांत राय ने बताया कि लगातार कई दफा बाघों की आपसी भिड़ंत से मौत हुई है। वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में जो कैटरिंग कैपसिटी बनाई गई थी बाघों की उतनी संख्या पहुंच चुकी है। बाघ के बच्चे जैसे ही सावक से बढ़कर युवा अवस्था में पहुंचते हैं उसके साथ ही अपना टेरिटरी बनाते हैं। इस टेरिटरी को बनाने में बाघ मां उसकी मदद करती है। बतादूँ की जैसे ही इस एरिया में कोई दूसरे बाघ की इंट्री होती है। दोनों के बीच आपसी संघर्ष हो जाता है। कई दफा इस संघर्ष में एक की मौत देखी गई है।

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