Bihar news : बिहार अररिया भरगामा पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण: सांसद श्री प्रदीप कुमार सिंह

संवाददाता मंटू राय अररिया
अररिया पुलिस और पत्रकारों का रिश्ता चोली और दामन का रिश्ता माना जाता है तथा दोनों ही समाज के आवश्यक अंग है जहां एक और पुलिस समाज को सुरक्षा की भावना उत्पन्न करती है तो वही दूसरी और एक पत्रकार अपनी कलम से सामाजिक विषमताओ’और घटनाओं को निष्पक्षता के साथ निडर होकर उजागरकरने का काम करता है पुलिस और पत्रकार दोनों एक दूसरे के पूरक है किंतु दिन प्रतिदिन पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार एक बड़ा सवाल बन गया है पिछले कुछ समय से पत्रकारों के प्रति पुलिस का व्यवहार बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक रहा हैजिसके चलते पत्रकार के मान सम्मना को ठेश पहुँची है कुछ पुलिसकर्मी पत्रकारों से दुर्व्यवहार कर पूरे पुलिस विभाग कि साख को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं हाल ही में भी पत्रकारों के प्रति पुलिस कर्मियों का दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार देखने को मिला जिसमें आला अधिकारियों पर मामला संज्ञान में आने के बाद मामले का पटाक्षेप भी किया गया किंतु गलती करके माफी मांगने कुछ हद तक तो सही है किंतु इस तरह की घटना पिछले कुछ समय से काफी देखने को मिल रही है जिसमें पत्रकारों द्वारा थाने चौकिया तथा सूचना एकत्रित करते समय पुलिस कर्मी द्वारा पत्रकारों से दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक व्यवहार किया जा रहा है तथा आला अधिकारी को मामला संज्ञान में आने पर मामले को रफा-दफा भी कर दिया जाता है यदि कोई पत्रकार किसी पीड़ित पक्षकार की ओर से या किसी मामले में थाने या चौकियों से जानकारी एकत्रित करने जाता है तो उसे ऐसा व्यवहार किया जाता है मानों उसने बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी पत्रकारों से सम्मान पूर्वक व्यवहार करने के लिए समय-समय पर पुलिस विभाग को चेताया गया है किंतु धरातल परिस्थिति बहुत ही निंदनीय है यदि पत्रकार के साथ किसी पुलिसकर्मी द्वारा अभद्रता की जाती है तो ज्यादातर मामलों में पत्रकार कोई सुनवाई नहीं होती है और यदि किसी मामले में कुछ सुनवाई हो जाए तो आला अधिकारी मामले को गोलमाल करके रफा-दफा करने की कोशिश करते हैं आज तक किसी भी दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है जिसके चलते पत्रकारों के प्रति पुलिस का अमानवीय व्यवहार आम सी बात हो गई है एक पत्रकार जो अपनी जिम्मेदारी का बड़ी ईमानदारी के साथ निर्वहन करते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर निष्पक्ष तरीके से समाज को घटनाओं से रूबरू कराता है तथा आम आदमी का आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का काम करता है।
उस पत्रकार की स्थिति वर्तमान समय में बहुत ही चिंताजनक बनी हुई है खबर के माध्यम से बिहार सरकार तथा पुलिस के आला अधिकारियों से अपील की जाती है कि वह पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई अमल में लाएं ताकि एक पत्रकार अपनी ड्यूटी को बेहतर ढंग से अंजाम दे सके