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Bihar news कामरेड विष्णुदेव प्रसाद यादव को अचानक जाना लोकतांत्रिक आंदोलन को बड़ी क्षति- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

भाकपा माले बिहार राज्य कमिटी सदस्य विष्णु देव यादव के याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे थे,
विष्णु देव यादव का निधन आरा (भोजपुर) में 30 मई 2024 को लू लगने से हो गया। वे एक माह पहले से आरा में इंडिया महागठबंधन समर्थित भाकपा (माले) प्रत्याशी का० सुदामा प्रसाद के प्रचार में लगे थे। वहां उन्होंने आरा मुफस्सिल क्षेत्र के धोबहां पार्टी प्रचार कार्यालय के इर्द-गिर्द के पंचायतों में देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने की चल रही चुनावी लड़ाई में मोर्चा संभाला था। शाम करीब 3:30 बजे वे पेशाब करने के लिये कार्यालय से निकले, जिस क्रम में वे बेहोश हो गये। वहाँ उपस्थित साथियों ने 20 मिनट के अन्दर ही सदर अस्पताल आरा पहुँचाया। जहाँ उन्हें तुरंत ऑक्सीजन मास्क लगाने, इंजेक्शन देने, स्लाईन चढ़ाने के साथ बर्फ से शरीर को ठंडा करने की प्रक्रिया में साथी लगे। लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। शाम 04:10 बजे 40 मिनट के अन्दर ही उनका निधन हो गया।

Bihar news The sudden demise of comrade Vishnudev Prasad Yadav is a big loss to the democratic movement- Virendra Prasad Gupta
बेतिया जिला परिषद भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा का संचालन भाकपा माले नेता सुनील कुमार राव ने किया, शहीद कामरेड विष्णु देव यादव के चित्र पर सबसे पहले भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता उसके बाद क्रमश जिला सचिव अरूण, सुनील कुमार राव, एडवोकेट प्रमोद गुप्ता, आदिवासी संघर्ष मोर्चा जिला अध्यक्ष नन्दकिशोर प्रसाद, खेग्रामस जिला अध्यक्ष सीताराम राम, जिला सचिव वीरेंद्र प्रसाद पासवान, संजय राम, इंसाफ़ मंच जिला अध्यक्ष अखतर एमाम, जिला सचिव फरहान राजा, सीपीआई जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रांति, भारत जोडों अभियान के आलमगीर, रामेश्वर प्रसाद, बैरिया मुखिया नवीन कुमार, सुरेन्द्र चौधरी, भाकपा माले नेता लक्ष्मण राम, अच्छे लाल राम आदि नेताओं ने बारी बारी फूल माला अर्पित किया।

Bihar news The sudden demise of comrade Vishnudev Prasad Yadav is a big loss to the democratic movement- Virendra Prasad Gupta
माले नेता वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि का० विष्णुदेव यादव काफी तेज और प्रखर बुद्धि के छात्र थे। बचपन के दिनों में उनके प्रखंड आदापुर और छौड़ादानों का पूरा ग्रामीण क्षेत्र क्रांतिकारी किसान आन्दोलन का केन्द्र था। जिसका असर उनके बालमन पर था। बाद में 1992-93 में भाकपा (माले) के आईसा छात्र संगठन और इन्कलाबी नौजवान सभा, युवा संगठन से जुड़ गये। फिर तो वे पार्टी में पूर्ण कालिक कार्यकर्त्ता बन गये। लगभग 30 वर्षों के अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने पूर्वी चम्पारण और प० चम्पारण दोनों जिलों में पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों को संभाला। अभी वे भाकपा माले राज्य कमीटी के सदस्य के बतौर एक्टू के जिला सचिव, मोतिहारी भाकपा (माले) नगर कमीटी के सचिव का प्रत्यक्ष तौर पर कार्य करते हुये मोतिहारी और सिकरहना, अनुमंडल में पार्टी विस्तार के कार्य में लगे थे। एक समय उन्होंने बगहा अनुमण्डल क्षेत्र में पार्टी विस्तार का काम किया। दोनों जिलों में उन्होंने भूमि व मजदूरी के सामंतवाद विरोधी आन्दोलन के साथ संयुक्त किसान आन्दोलन, गन्ना किसानों के आन्दोलन, वन अधिकार के आदिवासियों के आन्दोलन, नगर निगम कर्मियों कर्मचारियों की हड़ताल, सी.ए.ए. एन.आर. सी. के खिलाफ संविधान बचाने-लोकतंत्र बचाने के आन्दोलन के साथ उन्होंने हर तरह के आन्दोलनों का नेतृत्व किया। इस क्रम में उनपर मुदकमें भी हुये और जेल भी गये। वाल्मीकिनगर और नरकटिया विधान सभा से उन्होंने चुनाव लड़ने की जिम्मेवारी का भी पालन किया। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में दोनों जिलों के न केवल वाम पंथ बल्कि सभी राजनीतिक हलकों में वे बड़े नेता के तौर पर स्थापित हुये। वे अत्यंत हीं मृदुभाषी और सरल व्यक्तित्व के मालिक थे। सभी साथियों के साथ एक रूप होकर एक साथ आगे बढ़ना उन्होंने सीखा था । आर्थिक तंगी के वावजूद अपनी तकलीफों को किसी से नहीं कहना लेकिन दुसरे की तकलीफों को जानना, उन पर ध्यान देना, उसका समाधान कराना उनकी कार्यशैली का हिस्सा था। राजनीतिक रूप से स्पष्ट और दूरदर्शी नेता के रूप में उनकी स्थापना थी।
आगे कहा कि भाकपा (माले) ने का० विष्णुदेव प्रसाद यादव जैसे एक अनमोल रतन व जिला के बड़े नेता को खो दिया है। पूरी पार्टी कतारें और उनका परिवार, गाँव, समाज शोक में डूबा हुआ है।

Bihar news The sudden demise of comrade Vishnudev Prasad Yadav is a big loss to the democratic movement- Virendra Prasad Guptaभाकपा (माले) प० चम्पारण जिला कमीटी इस शोक को संकल्प में बदलने का आह्वान करती है और कामरेड विष्णुदेव प्रसाद यादव के आदर्शों और विचारों का अनुशरण करते हुये पुरे देश में जारी संविधान बचाने लोकतंत्र बचाने की लड़ाई के साथ व्यवस्था परिवर्त्तन की लड़ाई आगे बढ़ाने के संकल्प लिए । संविधान-लोकतंत्र बचाने की लड़ाई जारी रखना ही काॅ विष्णु देव यादव की होगी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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