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Bihar News-राजापाकर– प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर बुजुर्ग पंचायत के वार्ड नंबर 7 में विभिन्न फूलों गेंदा, चेरी,  चीना मोगरा की खेती की जाती है

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

वैशाली /राजापाकर

खेती करने वाले किसान धर्मेंद्र कुमार, राधे सिंह, पप्पू कुमार, आशीष कुमार आदि  ने बताया कि सभी व्यक्ति लगभग डेढ से दो बीघा में फूलों की खेती करते हैं .और यही उनका  आय का मुख्य स्रोत है।

Bihar News-Rajapakar-- Various flowers like marigold, cherry, China Mogra are cultivated in ward number 7 of Narayanpur Buzurg Panchayat of the block area. लेकिन लग्न कम होने एवं फूलों की पैदावार मौसम अनुकूल होने के कारण ज्यादा होने के कारण फूलों की खपत नहीं हो रही है .गेंदा, चेरी, चीना, मोगरा फूलों की एक लड़ी ₹10 में बिकती है. जिसका एक कुड़ी में बीस लड़ी रहता है वह ₹200 में बिकता है .जबकि लग्न रहने पर 300 से ₹400 आराम से मिल जाते थे. सभी फूलों का पौधा कोलकाता के मेदिनीपुर से आता है .जो लगभग 6 इंच का रहता है .1 से 2 रुपए ज्यादा मात्रा में लाने पर पड़ता है. किसान राधे सिंह, पप्पू कुमार, धर्मेंद्र कुमार, आशीष कुमार ने बताया कि वे सभी लगभग 25 वर्षों से फूलों की खेती करते आ रहे हैं।

Bihar News-Rajapakar-- Various flowers like marigold, cherry, China Mogra are cultivated in ward number 7 of Narayanpur Buzurg Panchayat of the block area.पिछले साल आमद अच्छी थी. लेकिन इस बार फूलों की खपत कम गई है. जिससे घाटा भी उठाना पड़ सकता है. अभी लग्न तेज नहीं हुई है जिसके कारण फूलों की डिमांड नहीं है. मजदुर महिलाएं माला गुथने  का ₹1 लड़ी लेती है. वहीं खेतों में फूल तोड़ने के लिए उसे ₹300 भर दिन का दहारी देना पड़ता है. लगन तेज रहने पर फायदा होता है लेकिन अभी घाटा हो रहा है. हम सभी हाजीपुर ,महुआ, पटना तक फूलों को लेकर दुकानदार को भी पहुंचने का कार्य करते हैं. वही गाड़ी को भी फूलों से सजावट का सभी लोग कार्य करते हैं .गाड़ी में फूल सजावट में 2हजार से ₹5हजार मिल जाते हैं. वहीं स्टेज सजाने में 5हजार से ₹15हजार लिए जाते हैं. फूलों की खेती साल में दो फसल होती है. यह 6 माह का फसल है. 3 माह में पौध तैयार होता है. तथा तीन माह फलता है।

Bihar News-Rajapakar-- Various flowers like marigold, cherry, China Mogra are cultivated in ward number 7 of Narayanpur Buzurg Panchayat of the block area. सभी किसानों ने बताया कि फूलों के फसल खत्म होने के पूर्व ही वे अन्य खेतों में पौधे लगा देते हैं. ताकि एक फूल खत्म होने के बाद दूसरा तैयार रहे ताकि कभी फूलों की कमी नहीं हो सके. ऐसा सभी किसान करते है ।

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