Bihar News-इस्माईलपुर बिदूपुर में जगतगुरु रामानुजाचार्य का कथा सुनकर श्रीतागण मुग्ध होकर झुम उठे

संवाददाता -राजेन्द्र कुमार
वैशाली /बिदुपुर इस्माईलपुर । गोविंदाचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज जी के श्रीमुख से चल रहे श्री दिव्य राम कथा के तीसरे दिन शिवकथा की मधुर संगीतमयी प्रस्तुति से श्रोता मुग्ध होकर झूम उठे।
प्रयागराज में भारद्वाज जी श्री याज्ञवल्क्य जी से पूछते हैं की राम कौन है और राम कथा सुनने की जिज्ञासा करते हैं तो याज्ञवल्क्य जी उनको पहले सती और शिव का चरित्र सुनाते हैं। त्रेता युग में भगवान शिव कथा सुनने की अभिलाषा से कैलाश से सती के साथ दक्षिण भारत में अगस्त्य मुनि के आश्रम पहुंच राम कथा सुनी। लौटते समय रामावतार की पत्नी विरह की लीला देखकर सती को श्री राम जी की भगवंत में संदेह हुआ तो सीता वेष में परीक्षा करने गई। शिव ने उनका परित्याग किया। अपने पिता दक्ष के यज्ञ में शिव का अपमान देखकर भगवती सती ने योगाग्नि में अपना शरीर भस्म कर दिया और हिमाचल में मैना के गर्भ में पार्वती के रूप में अवतरित होकर नारद की प्रेरणा से कठोर तप कर पुनः शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। भूत-प्रेत-बेताल इत्यादि की जमात लेकर शरीर में भस्म लगाएं सांप, बिच्छू लटकाए हाथ में डमरू त्रिशूल लिए बैल की सवारी पर उल्टा बैठकर दूल्हा बनकर जब शिवजी ससुराल पहुंचे तो सर्वत्र हाहाकार मच गया। मैना जी परीक्षण की थाली फेंककर भागी और शोक में डूब कर विलाप करने लगी। नारद जी के समझाने पर विवाह संपन्न हुआ। बारात सजाने को लेकर विवाह मंगल का प्रसंग जगतगुरु गुप्तेश्वर जी महाराज ने भजन और गीतों के माध्यम से सजाकर आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया कि श्रोता आनंद में भाव विभोर हो गए। आज कथा में घनश्याम सिंह मुख्य यजमान और नलिनी भारद्वाज, विवेक कुमार यजमान बन पूजा अर्चन की।उल्लेखनीय है कि 04 अप्रैल 2024 तक रोज दिन 4:00 बजे से 7:00 बजे शाम तक चलेगी।
प्रतिदिन भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है और पूरे क्षेत्र में आनंद का वातावरण छाया हुआ है। महाराज जी अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक है और पिछले वर्ष देश के बाहर उनकी कथा इंग्लैंड,आस्ट्रेलिया, स्कॉटलैंड और फिजी में हुई थी और इस वर्ष जुलाई से यूरोप के 6 देशों सहित अमेरिका, रूस, अफ्रीका, इंग्लैंड में होनी है।



