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Bihar News विभिन्न मांगों को लेकर बिहार राज्य आशा संघ का प्रदर्शन

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया

बिहार राज्य आशा संघ एवं बिहार राज्य आशा फैसलिटेटर संघ एटक की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सचिव जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया गया।बेतिया के बलिदान भवन से आशा, आशा फैसलिटेटर जुलूस निकालकर बेतिया के विभिन्न मार्गो से नारा लगाते मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सचिव जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय पहुँच स्मारपत्र सौपी।Bihar News Demonstration of Bihar State Asha Sangh on various demands

आशा को 10 हजार, आशा फैसलिटेटर को 15 हजार मानदेय घोषित करो, आशा, आशा फैसलिटेटर के सेवा निवृत्ति की उम्र सीमा 60 से 65 बर्ष करो, आशा, आशा फैसलिटेटर के सभी बकाये का भुगतान जल्द करो, 2023 के हड़ताल अवधि में हुए समझौते को लागू करो, आशा , आशा फैसलिटेटर को बर्ष में दो बार ड्रेस दो, आशा, आशा फैसलिटेटर की सेवा स्थायी करो,
बिहार राज्य आशा संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह एटक नेता ओम प्रकाश क्रांति ने बताया कि सरकार का स्वास्थ्य विभाग आशा एवं आशा फैसलिटेटर से दर्जनों कार्य लेता है, टीकाकरण, बंध्याकरण, पोलियो, मलेरिया, फलेरिया,टी बी उन्मूलन, संस्थागत प्रसव, गृह भ्रमण, सर्वे करना, दर्जनों किस्म के रजिस्टर को तैयार करना, स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाना, जैसे दर्जनों काम आशा, आशा फैसलिटेटर करती है लेकिन केन्द्र और बिहार सरकार दोनों के द्वारा उपेक्षा किए जाने से आंदोलन के अलावा कोई मार्ग नहीं बचा है, इस महंगाई में मामूली प्रोत्साहन राशि पर आशा एवं आशा फैसलिटेटर पेट पालने के लिए मजबूर है, आशा एवं आशा फैसलिटेटर के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में भी कटौती एवं बंदरबांट का सिलसिला चलते रह रहा है विगत बर्ष 2023 में आशा एवं आशा फैसलिटेटर का हड़ताल हुआ और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री से हडताली आशा के प्रतिनिधियों से हुई वार्ता एवं आश्वासन में आशा एवं आशा फैसलिटेटर के प्रोत्साहन राशि में 1500 सौ से 2000 हजार की वृद्धि करने की बात कही गई लेकिन उसे अभी तक लागू नहीं किया गया, आशा एवं आशा फैसलिटेटर प्रोत्साहन राशि की जगह मानदेय देने की मांग करती रही है लेकिन सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग आशा एवं आशा फैसलिटेटर को कमिशन ऐजेंट ही बना कर रखना चाहता, जाडा़ , गर्मी, बर्षात में बिना किसी सुरक्षा एवं सुविधा के आशा एवं आशा फैसलिटेटर स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने के लिए लगी रहती फिर भी सरकार की उपेक्षा एवं उदासीनता बिहार की आशा परेशान है, यदि सरकार इनके मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती और लोकसभा चुनाव के पहले आशा को मानदेय देने तथा आशा, आशा फैसलिटेटर की सुविधाओं में वृद्धि की घोषणा नहीं करती तो आशा, एवं आशा फैसलिटेटर भी चुनाव में सरकार को सबक सिखाने के लिए कटिबद्ध है।Bihar News Demonstration of Bihar State Asha Sangh on various demands

प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार राज्य आशा संघ एवं आशा फैसलिटेटर संघ की बेनू, साधना, कुमुद, रंजना, उर्मिला, मीना, पुष्पा, सरोज, गीता , लक्ष्मीना, पुनम, गिरजा, मुन्ना, देवेयन्ती,शारदा, नेहा, जरीना, अनिता, जैबुन, रीना, बासमती, कुसुम, बबीता, परमिला,कृष्णावती,शहनाज, आदि ने किया और प्रदर्शन को संघ के राज्य नेता देवेंद्र पांडे, जिला नेता परशुराम ठाकुर, बिंदु देवी, सुंदरम मिश्रा आदि ने संबोधित किया
बिहार महिला समाज की नेत्री वीणा एवं लक्की ने आशा एवं आशा फैसलिटेटर के मांगों का समर्थन करते हुए सरकार पर महिला श्रम का शोषण करने का आरोप लगाया और दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार आशा एवं आशा फैसलिटेटर को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही है, बिहार महिला समाज इनके आंदोलन को हर संभव सहयोग करने को तैयार है
बिहार राज्य आशा संघ एवं आशा फैसलिटेटर संघ जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन के बाद पटना में सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है ।

आशा एवं आशा फैसलिटेटर के परिश्रम का ही देन है कि बिहार में संस्थागत प्रसव का दर बढ़ा हैं, परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढी है, टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ा हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ा हैं, लेकिन फिर भी आशा एवं आशा फैसलिटेटर को उपेक्षित रखना सरकार के लिए भारी पड़ सकता है

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जनवाद टाइम्स