Bihar News–भाकपा माले के भाजपा हटाओ देश बचाओ जन अभियान यात्रा पर निकले टीम

संवाददाता–राजेन्द्र कुमार
वैशाली/हाजीपुर। जिसमें अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव सरपंच गोपाल पासवान, माले नेता मजिद्र शाह, विनोद कुमार पासवान, दसई पासवान, पूनम देवी, शांति देवी, ललिता देवी, नीलम देवी, शीला देवी, मालती देवी, कृष्णा देवी, कविता कुमारी, पूजा देवी, ममता देवी, विमला देवी, गीता देवी, सीमा देवी, मंजू देवी, शामिल थे, आज हिलालपुर पंचायत के वार्ड नंबर 9 तथा सुल्तानपुर पंचायत के सेल गेट के पास ग्राम सभाओं का आयोजन कर भाजपा सरकार की 9 साल की तबाही बर्बादी के खिलाफ महागठबंधन के बैनर से 15 जून को आयोजित राज्यव्यापी आंदोलन के दौरान हाजीपुर गांधी चौक पर महागठबंधन के धरना में हजारों की संख्या में शामिल होने का लोगों से आवान किया,
दोनों ग्राम सभाओं को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मोदी शासन के 9 साल जनता की चरम तबाही बर्बादी लूट दमन और नफरत का भयावह दौर साबित हुआ है, यह सरकार आजाद भारत की पहली सरकार है, जिसने खाद्य पदार्थों से लेकर पाठ्य पुस्तकों पर भी जीएसटी लगाकर महंगाई को बढ़ाया है, 400 सौमें मिलने वाला रसोई गैस का सिलेंडर अब 1200सौ रुपया से ऊपर में मिल रहा है, बेरोजगारी 75 वर्षों में सबसे भयावह रूप धारण कर चुकी है, विदेशी कर्ज साल दर साल बढकर620-7 अरब डालर तक पहुंच गया है, देनदारियों को निपटाने में इस कर्ज का इस्तेमाल हो रहा है, 2021 के विदेश मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार देश के हर व्यक्ति के माथे पर करीब 32000 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है, तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं में भारी कटौती करके मोदी की सरकार में अपने कारपोरेट मित्रों को मालो माल करने का काम किया है, वैश्विक भूख सूचकांक के 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 121 देशों की सूची में भारत 107 वे स्थान पर पहुंच गया है, फिर भी जन वितरण प्रणाली और खाद्यान्न योजना को समाप्त करने की साजिश हो रही है,
एमएसपी गारंटी खाद्य सुरक्षा कानून बनाने का मामला हो या किसानों, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के कर्ज माफी, मोदी की सरकार इंकार कर रही हैं, राष्ट्रीय स्तर पर वास आवास नीति बनाने से भी मोदी की सरकार पीछे हट रही है, जबकि कारपोरेट घरानों का लाखों करोड़का कर्ज मनसुख किया गया उनके टैक्सों में काफी कमी की गई, सरकार के नाकामियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को दमन का सामना करना पड़ रहा है, सांप्रदायिक उन्माद उत्पात भड़का कर जनता की एकता को तोलने की कोशिश हो रही है ,ताकि कोई सरकार से सवाल नहीं पूछ सके, 15 जून के आंदोलन को ऐतिहासिक बनाकर 2024 में मोदी सरकार के खात्मे का मजबूत घंटी बजा देना है,