Bihar news बरवत सेना पंचायत में पुलिस प्रशासन एवं आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं में आपसी झड़प

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
आंदोलन समिति के मतदान बहिष्कार के फैसले के विरुद्ध जाने वाले लोगों के बीच तथा कुछ पूंजीपतियों के प्रभाव में नॉमिनेशन करने के विरोध में गांव की आम जनता तथा आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं के साथ नॉमिनेशन करने वाले पूंजीपति लोगों के बीच झड़प हुई। परिणाम स्वरूप पुलिस प्रशासन के आने के बाद सुदिश भगत एवं राजेश कुशवाहा गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार दोनों ग्रामीणों को पुलिस की एक गाड़ी थाने लेकर चली गई परन्तु वहीं दूसरी गाड़ी पर आए पुलिस निरीक्षक उग्रनाथ झा और उनके सशस्त्र बलों को ग्रामीण जनता ने अपने प्रभाव में ले लिया और लगभग 3 घंटे तक बरवत सेना में रोक कर रखा, जब तक कि गिरफ्तार किए गए राजेश कुशवाहा और सुदीप भगत जो आंदोलन समिति के संयोजक हैं को पुलिस प्रशासन ने छोड़ा नहीं। उन दोनों को ग्रामीण जनता के दबाव में बाई इज्जत गांव में लाकर गांव को सुपुर्द किया। तत्पश्चात गांव के लोगों ने पुलिस प्रशासन को छोड़ा।
आंदोलन समिति के संरक्षक विजय कश्यप के आगमन पर पूरी जनता विश्वास के साथ राजेश कुशवाहा एवं सुदीप भगत को छोड़ने की नारे लगाने लगे। तत्पश्चात प्रशासन से विजय कश्यप की वार्ता होने के पश्चात प्रशासन ने सुदीप भगत और राजेश कुशवाहा को वापस गांव में लाकर छोड़ने का आश्वासन दिया, तब जाकर जनता शांत हुई एवं अनुशासन पूर्वक सारा आंदोलन चलता रहा। शाम 4 बजे राजेश कुशवाहा और सुदीप भगत भगत को पुलिस प्रशासन ने लाकर गांव के बीच में उनके परिवार के लोगों को स सम्मान सुपुर्द किया ।
वार्ड 38 से नामांकन भरने वाले प्रत्याशी कृष्णा कुमार ने बताया कि उनके साथ ग्रामीण जोर जबरदस्ती कर रहे थे जिसके बाद मैंने मुफ्फसिल थाना को फोन किया था। जबकि ग्रामीणों का कहना था कि वे उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह कर रहे थे ताकि निगम का बहिष्कार एकजूटता के साथ किया जा सकें परन्तु उन्होंने पुलिस को बुलाकर दो लोगौं को जबरन गिरफ्तार करवा दिया। जिसके पश्चात ग्रामीण उग्र होकर पुलिस को रोक के रखा।
आंदोलन समिति के संरक्षक विजय कश्यप ने प्रशासन से जिलाधिकारी की उपस्थिति में आंदोलन समिति के साथ वार्ता करने का आह्वान किया।