Bihar News : भरगामा-मनरेगा घोटाला डीएम के आदेश के बाद भी नही दर्ज हुई प्राथमिकी

संवाददाता : मंटू राय अररिया
अररिया जिला क्षेत्र अंतर्गत भरगामा प्रखंड के जयनगर मे मनरेगा घोटाला डीएम के आदेश के बाद भी नही दर्ज हुई प्राथमिकी मिली जानकारी के अनुसार भरगामा प्रखंड के जयनगर का है मामला जबरन सीएसपी मसीन पर अंगूठा लगाकर राशि निकासी का था आरोप डीएम के आदेश के 1साल बाद भी नही दर्ज हुई प्राथमिकी उच्च न्यायालय पटना द्वारा भरगामा प्रखंड के जयनगर पंचायत में मनरेगा घोटाला की जांच के आदेश देने के बाद जहां मनरेगा मजदूरों में न्याय की आस जगी है वहीं मनरेगा मजदूर से जबरन अंगूठा लगाकर राशि निकासी मामले मे डीएम के आदेश के 1साल बाद भी प्राथमिकी दर्ज नही किए जाने से मजदूरों में रोष व्याप्त है आपको बता दे की 30 अप्रैल 2020 को जयनगर के एक वार्ड के मनरेगा मजदूर पम्पा देवी से जयनगर के वर्तमान मुखिया मनोरमा देवी के पुत्र मिठू कुमार मेहता के द्वारा जबरन राशी निकासी के लिए सीएसपी पर अंगूठा लगवाने का दबाव बनाया गया था जिसके विरोध करने पर मजदूर के साथ मारपीट की गई थी
जिसके बाद डीएम ने समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लेकर कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा से जांच करवाया था अपने जांच रिपोर्ट में कार्यक्रम पदाधिकारी ने मुखिया पुत्र मिठू कुमार मेहता पर लगे उक्त आरोप सही पाया था जिला पदाधिकारी ने पत्रांक 2170 दिनांका 15 जुन 2020 को उप विकास आयुक्त को आरोपित व्यक्ति के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था पुन जिला पदाधिकारी के पत्रांक 2423 दिनांक 3 जुलाई 2020 को कृत कार्रवाई से अवगत कराने को कहा गया था
इसके बावजूद भी इसके 1 वर्ष से अधिक हो जाने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नही करवाई गई थी दबी जुबान लोंगों में चर्चा है की अधिकारी द्वारा जांच में दोषी पाए गए मुखिया पुत्र को बचाने के नियत से अब तक केस दर्ज नही किया गया आलम ये है की जयनगर पंचायत में मृतक को भी मनरेगा में मजदूरों मिलने लगी एक तरफ जीवित लोग काम की तलाश में दिल्ली पंजाब पलयान कर रहे है तो वही 2017में मृतक योगदंन चौपाल 2019 एंव 2020 में मनरेगा में कार्य कर रहे है मनरेगा घोटाला मामले में पटना उच्च न्यायालय ने अररिया जिला पदाधिकारी को तीन महीने में जांच पूरी कर कार्यवाही करने का निर्देश दिए है