राजापाकर में बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ निकाली गई जागरूकता रैली, ग्रामीणों ने लिया संकल्प
वैशाली जिले के राजापाकर में निकली रैली, ग्रामीणों ने 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत बनाने का लिया संकल्प

वैशाली/राजापाकर। वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड अंतर्गत नारायणपुर बुजुर्ग पंचायत के बिरना लखनसेन गांव में शनिवार को बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ एक जागरूकता रैली निकाली गई। यह कार्यक्रम बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित हुआ।
अभियान का आयोजन स्व. कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के तत्वावधान में और जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन परियोजना के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वार्ड सदस्य सीता देवी ने की, जबकि संचालन अधिकार मित्र संतोष कुमार ने संभाला।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के सचिव सह परियोजना निदेशक सुधीर कुमार शुक्ला ने कहा कि “वैशाली को बाल विवाह मुक्त जिला घोषित कराने की दिशा में यह एक सार्थक कदम है।” उन्होंने बाल विवाह के दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की और बाल अधिकार, बाल श्रम, यौन शोषण और बाल तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों को भी ग्रामीणों के सामने रखा।
उन्होंने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य वर्ष 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त राष्ट्र बनाना है।
अधिकार मित्र संतोष कुमार ने जानकारी दी कि वैशाली जिले में अब भी लगभग 47% बाल विवाह के मामले दर्ज होते हैं, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है। रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि देशभर में हर मिनट औसतन तीन बाल विवाह के मामले सामने आते हैं, जो समाज के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।
विधिक सेवक और ज्ञानदीप कोचिंग के संचालक पंकज कुमार ने ग्रामीणों से अपील की कि “यदि कहीं भी बाल विवाह की सूचना मिले तो तुरंत 1098 (बाल सहायता हेल्पलाइन) या 112 (आपातकालीन सेवा) पर शिकायत दर्ज करें।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, किशोर-किशोरियों और अभिभावकों ने भाग लिया और बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने व समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने का
“राजापाकर में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता रैली, 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत बनाने का संकल्प”