Praygraj News : अभिलेख/ पांडुलिपि अभिरुचि विषयक छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रिपोर्ट विजय कुमार
दिनांक 12 जून, 2025 को ‘अभिलेख/पाण्डुलिपि अभिरूचि विषयक छह दिवसीय कार्यशाला‘ कार्यकम आयोजन के चौथे दिन क्षेत्रीय अभिलेखागार(संस्कृति विभाग), प्रयागराज द्वारा केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय परिसर मेडिकल चौराहा में कार्यशाला कार्यक्रम आयोजित की गई।
मुख्य वक्ता डॉ0 जमील अहमद सहायक प्राध्यापक ईश्वर शरण डिग्री कालेज, प्रयागराज ने अपने सम्बोधन में बताया कि प्राचीन भारत में लेखन कला की प्राचीनता को विस्तार से समझाते हुए हड़प्पा काल से लेकर पूर्व मध्यकाल तक के विभिन्न भाषाओं और लिपियों में लिपिबद्ध अभिलेखों के विषय में प्रतिभागियों को विस्तार से बतलाया। उन्होंने कहा कि अभिलेख प्राचीन काल की स्थायी और प्रमाणिक लिखित सामग्री होती है। अभिलेख केवल पत्थर पर उत्कीर्ण दृश्य नहीं बल्कि ये अतीत की आवाज तथा सजीव चित्रण होते है। डा0 तबस्सुम निगार प्रवक्ता इतिहास विभाग हमीदिया गर्ल्स डिग्री कालेज प्रयागराज ने बतलाया कि वर्तमान समय में अभिलेखों के माध्यम से ऐतिहासिक शोध कार्य की प्रासंगिकता की जाती है। मध्यकालीन पाण्डुलिपियां, फरमान एवं अन्य प्राथमिक स्त्रोतों का उपयोग करते हुए अनेक सावधानियां जैसे मूल दस्तावेज और जाली दस्तावेज की पहचान कैसे की जाए इस पर उन्होंने चर्चा की। डा0 हरेन्द्र सिंह प्रवक्ता इलाहाबाद डिग्री कालेज प्रयागराज ने अभिलेखागार से रोजगार परक संभावनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने अभिलेखों/पाण्डुलिपियों के अध्ययन संरक्षण और संवर्धन से सम्बन्धित रोजगार परक शिक्षा के दृष्टिगत अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यशाला में लगभग 60 से अधिक विभिन्न विश्व विद्यालयों के छात्र/छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का संचालन श्री शैलेन्द्र यादव प्राविधिक सहायक(परिरक्षण) उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ द्वारा किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत और आभार श्री राकेश कुमार वर्मा प्राविधिक सहायक(इतिहास) द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्री राम आसरे सरोज पुस्तकालयाध्यक्ष केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय, डॉ शाकिरा तलत, प्राविधिक सहायक,रूसी श्रीवास्तव ज्येष्ठ प्राविधिक सहायक सहित विभिन्न विश्व विद्यालयों के छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।