दाखिले में हुई गड़बड़ी की सीबीआइ जांच से बढ़ेंगी पूर्व मंत्री की मुश्किलें

ब्यूरो संवाददाता : मनोज कुमार राजौरिया
आयुष कालेजों में शैक्षिक सत्र 2021-22 में नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट से छेड़छाड़ कर 891 छात्रों को फर्जी तरीके से दाखिला देने के मामले की जांच सीबीआइ द्वारा शुरू करने पर पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी की मुश्किलें बढ़ना तय है।
दाखिले में किए गए घोटाले में फंसे पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह की इस मामले में गिरफ्तारी हुई थी। यह पूर्व मंत्री के काफी करीबी थे।पूर्व मंत्री के साथ-साथ आयुष विभाग में तैनात रहे कुछ बड़े अधिकारियों पर भी शिकंजा कस सकता है। शैक्षिक सत्र 2021-22 में आयुष कालेजों में दाखिले का जिम्मा तत्कालीन आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह को सौंपा गया था। जांच में यह सामने आया कि आनलाइन काउंसिलिंग कराने का जिम्मा जिस वेंडर कंपनी वी थ्री साफ्ट साल्यूशन को सौंपा गया था उसने मिलीभगत कर नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट बदल दी।
महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा द्वारा जो नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट की जो साफ्ट कापी हार्ड डिस्क में दी गई उसे वेंडर से सांठगांठ कर बदल दी गई। सबसे ज्यादा फर्जी दाखिले निजी आयुर्वेद कालेजों में हुए। निजी आयुर्वेद कालेजों में बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) 5,010 सीटों में से 4,615 सीटें भरीं और इसमें 473 फर्जी दाखिले हुए। वहीं राजकीय आयुर्वेद कालेजों बीएएमएस कोर्स की कुल 502 सीटें थीं और सभी भर गईं। इनमें 43 फर्जी दाखिले कराए गए।