मेरठ न्यूज: संघर्ष कभी बेकार नहीं जाता, महिला ने किया साबित।

संवाददाता: मनीष गुप्ता
एक लड़की बचपन से ही पढ़ने लिखने में बहुत अच्छी थी। समय बीतता गया। ओर कुछ समय बाद उसकी शादी हो गई। उसके बाद उसने एक स्कूल में बच्चो को शिक्षा प्रदान करने हेतु नौकरी शुरू की। फिर एक दिन घर में खाना बनाते समय यह महिला 80 प्रतिशत जल गई। डॉक्टर ने उनको 3 साल का आराम करने के लिए कहा। लेकिन इसने हार नहीं मानी। 3 साल बाद बैड से उठी और नौकरी शुरू की। और साथ साथ ही समाज सेवा भी शुरू कर दी। समाज सेवा के दौरान इस महिला को कई संस्थाओं के द्वारा सम्मानित किया जाने लगा। यह अपने परिवार के (पति) सहयोग के कारण आज इतनी मशहूर हो गई की। आज बच्चा बच्चा इनके नाम से जनता है। इनके परिश्रम और शिक्षा व समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने की वजह से आज इस महिला को बेटी एक लक्ष्य फाउंडेशन के द्वारा महिला विश्व दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। और इनके उज्जवल भविष्य की कामना की। लेकिन अभी भी इस महिला का इलाज चल रहा है। इन महिला के पति ऑटो रिक्शा चलाते हैं। जिन्होंने इतनी बड़ी मुश्किल में भी हार नहीं मानी। और अपनी पत्नी का साथ दिया। आज सम्मान समारोह के समय महिला की आंखों से आसू आ गए। महिला ने कहा की यह सफलता मेरी नही मेरे पति की है। जिन्होंने ऑटो रिक्शा चला चलाकर मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया।