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Etawah News: सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज के नाम पर रिश्वतखोरी के मामले में डॉक्टर पर हुई एफआईआर

जनवाद ब्यूरो

इटावा/सैफई: कोरोना वायरस जैसी वैश्विक माहमारी में आज डाक्टरों को भगवान का दूसरा रुप दिया जा रहा है लेकिन कुछ डाक्टर जो चंद पैसों के लालच में आकर मरीजों की जान के साथ खिलबाड़ कर रहे है। ऐसा ही मामला सैफई पीजीआई में देखने को मिला जब एक मरीज गेट पर इलाज के अभाव में तड़पता रहा और उसे न तो बैड नसीब हुआ और न ही इलाज। बल्कि इलाज के नाम पर उसके 75 हजार रुपए की ठगी जरुर की गई। जिससे कारण उक्त मरीज की हालत और बिगड़ गई और ग्वालियर के एक हॉस्पीटल में उसने दम तोड़ दिया। इस प्रकरण में मृत मरीज के परिजनों ने सैफई मेडिकल कालेज के डाक्टर के खिलाफ आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करायी है। अब पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है कि वाकई उक्त डाक्टर सैफई मेडिकल कालेज में तैनात है या फिर नहीं।

जिले के बकेवर क्षेत्र के अन्तर्गत गांव मेहंदीपुर के रहने वाले दीपक तिवारी ने सैफई थाने में तहरीर देते हुए आरोप लगाए कि उसके अपने जीजा अश्वनी कुमार दुबे पुत्र सुरेन्द्र बाबू दुबे निवासी लखना रोड बकेवर जो कि किडनी की बीमारी से कई वर्षाें से ग्रसित थे उन्हें 2 मई को अचानक गले में दिक्कत होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उनकी हालत गंभीर होने पर अपने परिचय के डा.खेम सिंह राजपूत निवासी आगरा से सम्पर्क किया तो उन्होंने डा.प्रेम प्रताप चौहान का नम्बर देकर कहा कि इनसे बात कर लो ये पूरी मदद करें। जब उनसे सम्पर्क किया तो उन्होंने मरीज को लेकर रात साढे़ दस बजे पीजीआई सैफई के गेट नम्बर दो पर आने को कहा। जब वह रात में अपने मित्र प्रशांत शर्मा के साथ वहां पहुंचे तो उन्होंने रात भर फोन नहीं उठाया। इस पर जीजा की बिगड़ती हालत को देखते हुए पीजीआई सैफई में पर्चा बनवाकर उनको दिखाया तो डाक्टर ने बेड न होने की बात कहकर उनको भर्ती नहीं किया। जिस कारण रात भर उनका मरीज स्टेचर पर पड़ा रहा। अगले दिन 3 मई की सुबह उनके पास डाक्टर प्रेमप्रताप का फोन आया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे मरीज की हालत सीरियस है इलाज में एक लाख रुपए का खर्चा आएगा। इन रुपयों में तुम्हें एक डाक्टर, बेंटीलेटर, बेड व ऑक्सीजन व पूरा इलाज मिलेगा जब तक तुम्हारा मरीज सैफई में भर्ती रहेगा। मैने डा.सुनील को बोल दिया है वो तुमसे आकर मिलेंगे।

डा.प्रेम प्रताप चौहान से विनती करने पर वह 75 हजार रुपए पर राजी हो गए। इस पर प्रार्थी ने उनके द्वारा बताए गए भारतीय स्टेट बैंक के खाता संख्या पर ऑनलाइन पेमेन्ट के जरिए तीन किस्तो में 75 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद से उक्त डाक्टर का फोन लगाते रहे लेकिन कोई रिप्लाई नहीं दिया। इधर उनके मरीज की हालत मरणासन्न हो गई। थक हारकर वह 3-4 मई की रात ढाई बजे अपने मरीज को ग्वालियर के हॉस्पीटल ले गए जहां दो दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। दीपक का आरोप है कि उसके जीजा की मौत का कारण डा.प्रेम प्रताप चौहान है। उसने धोखाधड़ी व जाल साजी करके उसके 75 हजार रुपए ठग लिए और वापस मांगने पर भी नहीं लौटाए। पीड़ित का कहना है कि उसके पास डाक्टर से हुई बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग व व्हाट़्सअप चेट है जो जरुरत पड़ने पर पुलिस को देंगे।

पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने उक्त नामजद डाक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, धोखाधड़ी, आपदा प्रबंधन, महामारी अधिनियम की धाराओं में में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरु कर दी है। मामले की विवेचना एसआई गणेश गुप्ता को सौंपी गई है।

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