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क्या भारत में लॉक डाउन दुबारा लग सकता है ?

 

सुनील पांडेय :  कार्यकारी संपादक

22 मार्च ,2020 से एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू लगने के बाद सबसे पहले तीन दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा हुई। इसके बाद 15 -15 दिन के लिए मार्च माह से मई माह के अंत तक चार बार लॉकडाउन बढ़ाया गया। लॉकडाउन- 5 के अंतर्गत 8 जून से अनलॉक -1 के तहत अधिकतर व्यवसायिक एवं धार्मिक गतिविधियों में कुछ ऐतिहात के साथ छूट दे दी गई। यहां यह बताना जरूरी है की रात के समय लॉक डाउन -5 अभी भी लागू है। लॉकडाउन- 5 में पूरी तरह से ढील देने के कारण लोगों की आवाजाही बढ़ी है और सभी तरह की व्यावसायिक सेवाएं शुरू हो गई हैं। अब संक्रमण पहले की अपेक्षा बहुत तेजी से फैल रहा है। दिन प्रतिदिन हम दुनिया के एक -एक देशों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। अब हम से आगे दुनिया के केवल तीन देश ही है -अमेरिका ,ब्राजील और रूस। वर्ल्ड मीटर के आज तक के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में वर्तमान समय में 20,76,495, ब्राजील में 7,87,489 एवं रूस में 5,02,436 संक्रमितों .की संख्या पहुंच चुकी है । जहां तक भारत का आंकड़ा है हमारे यहां 2,97,205 संक्रमितों की संख्या पहुंच गई है और हम दुनिया के सर्वाधिक संक्रमित देशों की सूची में अब चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं ।

लॉकडाउन -4 के बाद कोरोना से संक्रमतों की संख्या में लगातार वृद्ध हो रही है। वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के लगभग 50 फ़ीसदी मामले भारत के चार महानगरों दिल्ली , मुंबई , कोलकाता एवं चेन्नई के हैं। देश में आज तक कोरोना के कुल मामले 2,97,205 पहुंच गई है जिनमें 8102 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में प्रतिदिन लगभग 10,000 के आसपास लोग संक्रमित हो रहे हैं। यह एक भयावह स्थित है यदि इसी तरह संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता रहा तो एक दिन हम अमेरिका जैसे देश को भी पीछे छोड़ देंगे। तब हमारे पास पछतावे के सिवा कुछ भी नहीं रहेगा।इन सब आंकड़ों का यदि गंभीरतापूर्वक अवलोकन करें तो अब भारत के पास लॉकडाउन लगाने के सिवा कोई और विकल्प नजर नहीं आ रहा है। यदि देश को इस वैश्विक महामारी से बचाना है तो भारत सरकार को कठोर एवं अलोकप्रिय कदम आगे उठाना ही होगा। यहां यह बताना जरूरी है कि दोबारा लॉकडाउन लगाने से अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा क्योंकि इसके पूर्व लॉकडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था अपने विषम दौर से गुजर रही है।

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